नई दिल्ली। Panchak : हिन्दू धर्म में पंचक को किसी भी काम को करने के panchak 2023 पहले खास माना जाता है। आपने कई बार सुना होगा कि पंचकों में शुभ काम करने की मनाही होती है। पर ऐसे में क्या आप जानते हैं कि पंचक कितने प्रकार के होते हैं। इस दौरान क्या करना क्या नहीं करना चाहिए। चलिए जानते हैं।
क्या कहलाते हैं अग्नि पंचक — panchak-dec-2023-
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार Agni Panchak 2022: जो पंचक मंगलवार से शुरू होते हैं उन्हें अग्नि पंचक कहा जाता है। अग्नि पंचक को अशुभ मानते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पंचक में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है।
कब से कब तक है पंचक – panchak-dec-2023-
पंचक प्रतिमाह आते हैं। इसी तरह साल के अंतिम पंचक हिंदू पंचांग के अनुसार, आज से यानि 27 दिसंबर 2022 मंगलवार सुबह 03 बजकर 31 मिनट से प्रारंभ होकर 31 दिसंबर 2022 को शनिवार को सुबह 11:47 मिनट पर समाप्त होंगे। हिन्दू धर्म में जब भी किसी शुभ Panchak 2022 काम की शुरूआत की जाती है तो उस दौरान शुभ मुहूर्त देखे जाते हैं। लेकिन इससे ज्यादा देखा astrology जाता है पंचक। mp hindi news जी हां पंचकों में किसी भी religion शुभ काम की मनाही होती है।
क्या कहलाते हैं पंचक – panchak-dec-2023-
आपको बता दें शुभ कामों के लिए जब मुहर्त देखे जाते हैं उनमें पंचक भी शामिल हैं। पंचक वह समय है चंद्रमा के कुंभ और मीन राशि में होने के दौरान लगता है। ज्योतिष के अनुसार इस दौरान किए गए कार्य का प्रभाव पांच गुना बढ़ जाता है। इसलिए इस दौरान किए गए दुष्प्रभाव से बचने के लिए पंचक कोई भी शुभ कार्य करने से बचने के लिए सलाह दी जाती है।
कितने प्रकार का होता है पंचक – panchak-dec-2023- type of panchak
पंचांग के अनुसार यदि पंचक रविवार को पड़े तो रोग पंचक और सोमवार को पड़े तो राज पंचक कहलाता है। इसी प्रकार यदि पंचक मंगलवार को पड़े तो अग्नि पंचक और शुक्रवार को पड़े तो चोर पंचक कहलाता है। जबकि शनिवार के दिन पड़े वाले पंकच को मृत्यु पंचक कहा जाता है।
पंचक में नहीं किए जाते ये पांच काम – panchak-dec-2023- dont in panchak
जिस पंचक के दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही हैए उसमें पांच कार्य भूलकर भी नहीं किए जाने चाहिए। पंचक में लकड़ी घर में लाना या फिर उससे बने सामान खरीदना। चारपाई बुनना, घर की छत ढलवाना, दक्षिण दिशा की यात्रा करना और घर को पेंट आदि करवाना सख्त मना है।
पंचक का उपाय panchak-dec-2023-
हिंदू धर्म में किसी मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार के समय पंचक पर विशेष ध्यान दिया जाता है। यदि किसी की मृत्यु पंचक के दौरान होती है तो इस दोष को दूर करने के लिए बाकायदा शांति कराई जाती है। इसके लिए शव के साथ आटे से बने पांच पुतले अर्थी पर रखकर पूरे विधि.विधान के साथ अंतिम संस्कार किया जाता है। मान्यता है कि इस उपाय को करने से पंचक दोष दूर हो जाता है।
फरवरी 2023 में पंचक – panchak-feb 2023-
फरवरी यानि इस महीने में पंचक 19 फरवरी से शुरू होकर 23 फरवरी तक चलेंगे। इस दौरान उन सभी कार्यों को करने से बचना चाहिए जो पंचक में निषेध माने गए हैं। गौर तलक है पंचक पांच दिन के होते हैं इस दौरान शुभ कामों की मनाही होती है। कोई भी शुभ काम हो, उसे करने से पहले हम मुहूर्त जरूर देखते हैं। हिन्दू धर्म में पंचक का भी बहुत महत्व है। इसलिए इस दौरान आपको कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए।
सबसे अशुभ माने जाते हैं मृत्यु पंचक — panchak-dec-2023- mritye panchak
आपको बता दें वैसे तो सभी पंचक अशुभ होते हैं लेकिन जिस महीने का पंचक शनिवार से शुरू होता है उस महीने ये मृत्यु पंचक होता है। इन्हें सबसे ज्यादा अशुभ पंचक माना जाता है। आपको बता दें इस दौरान बहुत ज्यादा सावधानी रखने की आवश्यकता होती है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है।
पंचक से जुड़े जरूरी नियम – panchak-dec-2023- panchak ke niyam
- पंचक के समय लकड़ी या फिर लकड़ी से बने सामान को खरीदना या घर पर बनवाना नहीं चाहिए।
- पंचक में चारपाई बुनवाने और घर की छत ढलवाने की भी विशेष रूप से मनाही है।
- पंचक के दौरान यदि बहुत जरूरी न हो तो दक्षिण दिशा की यात्रा भूलकर नहीं करवाना चाहिए। दरअसल, दक्षिण को यम की दिशा माना गया है।
- इसी प्रकार पंचक के समय घर की पेंटिंग का कार्य नहीं शुरु करना चाहिए।यदि ये कार्य करवाने हों तो आप पंचांग की मदद से पंचक की जानकारी लेकर आगे–पीछे करवा सकते हैं।
- पंचक के दौरान किसी परिजन की मृत्यु हो जाए तो उसका अंतिम संस्कार खास विधि से करना चाहिए। उसके साथ 4 मोतिचूर के लड्डू या नारियल रख देना चाहिए। इससे परिवार का संकट टल जाता है।
आखिर क्या होते हैं पंचक — panchak-dec-2023- panchak kya hote hai
ज्योतिष में कुछ नक्षत्रों को अत्यंत अशुभ मानते हुए उसमें कोई भी शुभ कार्य की शुरुआत नहीं की जाती है। ज्योतिष के अनुसार धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती समेत पांच नक्षत्रों की युति अत्यंत ही अशुभ मानी जाती है। ज्योतिष के अनुसार कुंभ और मीन राशि में चंद्रमा को गोचर पंचक कहलाता है। ऐसा माना जाता है कि पंचकों में घर के किसी सदस्य की मृत्यु होने पर परिवार को भी मृत्यु तुल्य कष्ट को भोगना पड़ता है। रावण की मृत्यु भी पंचक काल में हुई थी। मान्यता है कि यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु पंचक में हो जाए तो उसके खानदान के 5 सदस्यों की या तो मृत्यु हो जाती है या उन्हें मृत्यु जैसा कष्ट भुगतना पड़ता है। ज्योतिष पंडित राम गोविन्द शास्त्री के अनुसार पंचक के दौरान कुछ विशेष कार्य भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
महाशिवरात्रि के दूसरे दिन से लगने जा रहे हैं पंचक, रहें सतर्क