चेन्नई, नौ जनवरी (भाषा) तमिलनाडु में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक ने इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर मौजूदा मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी के नाम पर मुहर लगा दी है।
तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी मैदान में अन्नाद्रमुक और उसकी धुर प्रतिद्वंद्वी द्रमुक के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है।
अन्नाद्रमुक की निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था पार्टी महापरिषद ने ओ पनीरसेल्वम और पलानीस्वामी को चुनाव संबंधी पार्टी की रणनीतियां तैयार करने के लिए भी अधिकृत किया और एक संचालन समिति की नियुक्ति को भी मंजूरी दी, जो महत्वपूर्ण मामलों में अहम भूमिका निभा सकती है।
तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव अप्रैल-मई में होने की संभावना है।
पलानीस्वामी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और पनीरसेल्वम उपमुख्यमंत्री हैं।
पार्टी सदस्यों ने बैठक में 16 प्रस्ताव स्वीकार किए। इनमें से एक प्रस्ताव के तहत दोनों नेताओं को अन्नाद्रमुक की चुनावी रणनीतियां बनाने के लिए अधिकृत किया गया। इससे पहले अन्नाद्रमुक ने 2011 और 2016 के चुनाव में जीत हासिल की थी।
बैठक में कहा गया, ‘‘यह महापरिषद ओ पनीरसेल्वम और के पलानीस्वामी को 2021 चुनाव में बड़ी जीत सुनिश्चित करने के लिए विजय दिलाने वाली रणनीतियां बनाने, अन्नाद्रमुक के नेतृत्व में जीत हासिल करने वाला गठबंधन बनाने और गठबंधन साझेदारों के साथ सीटों के बंटवारे पर फैसला करने के लिए अधिकृत करती है।’’
अन्नाद्रमुक ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में राजग गठबंधन का नेतृत्व किया था, जिसमें भाजपा, डीएमडीके और पीएमके शामिल थे। पार्टी के दोनों शीर्ष नेताओं ने भाजपा के साथ पार्टी के गठबंधन की पहले ही पुष्टि कर दी है।
महापरिषद ने पनीरसेल्वम की अक्टूबर 2020 की उस घोषणा को भी समर्थन दिया, जिसमें कहा गया था कि चुनाव में पलानीस्वामी अन्नाद्रमुक के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।
इसके अलावा महापरिषद ने एक संचालन समिति की नियुक्ति को मंजूरी दी। इसके सदस्यों में छह मंत्री और पांच अन्य पदाधिकारी शामिल हैं, जिन्हें पलानीस्वामी और पनीरसेल्वम का वफादार समझा जाता है।
पार्टी ने द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह अन्नाद्रमुक सरकार को मिल रहे लोगों के समर्थन और पलानीस्वामी के प्रशासनिक कौशल को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं और इसलिए मुख्यमंत्री की ‘‘असभ्य’’ आलोचना कर रहे है।
उसने स्टालिन और उसके द्रमुक समर्थकों की ‘‘व्यक्तिगत हमले’’ करने के कारण निंदा की।
पार्टी ने विभिन्न मामलों पर सरकार की प्रशंसा की। उसने श्रीलंका सरकार के प्रांतीय परिषदों को समाप्त करने के कदम की आलोचना की और कहा कि इससे वहां के तमिल समुदाय के लोग प्रभावित होंगे। उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की।
पनीरसेल्वम ने अपने संबोधन में कहा कि पार्टी हर व्यक्ति से ऊपर है और उन्होंने आगामी चुनाव में ‘‘बड़ी और अभूतपूर्व जीत’’ के लिए मिलकर लड़ने की अपील की।
पलानीस्वामी ने ‘‘वंशवाद की राजनीति’’ के लिए द्रमुक पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले दिवंगत एम करुणानिधि पार्टी की कमान संभालते थे, ‘‘इसके बाद (एम के) स्टालिन आए और अब उदयनिधि (स्टालिन के बेटे) हैं’’।
भाषा सिम्मी दिलीप
दिलीप