Pakistan Army Kargil War: पाकिस्तान की आर्मी ने पहली बार कारगिल जंग में अपनी भूमिका को कबूल किया है। पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर ने एक कार्यक्रम के दौरान ये माना कि कारगिल जंग में पाकिस्तानी सेना शामिल थी।
आर्मी चीफ ने क्या कहा ?
रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत के खिलाफ जंग में मारे गए पाकिस्तानी लोगों के सम्मान में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें आर्मी चीफ असीम मुनीर ने कहा कि पाकिस्तानी समुदाय बहादुरों का समुदाय है जो ये जानता है कि आजादी की कीमत कैसे चुकानी है। चाहे वो 1948 की जंग हो या 1965, 1971 या 1999 का कारगिल युद्ध, हजारों सैनिकों ने इस्लाम और देश के लिए अपनी जान कुर्बान की।
पाक आर्मी चीफ का 6 सितंबर का बयान वायरल
पाकिस्तान के आर्मी चीफ ने 6 सितंबर को बयान दिया था। ये अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ये पहला मौका है जब पाकिस्तानी सेना के किसी अधिकारी ने कारगिल जंग में पाकिस्तानी सैनिकों के शहीद होने की बात कही है।
पहले पाकिस्तान के दावे
पाकिस्तान ये दावे करता आया है कि कारगिल जंग कश्मीर के मुजाहिदों ने छेड़ी थी। उसमें पाकिस्तान की कोई भूमिका नहीं थी। वहीं भारत ने लगातार यही आरोप लगाया है कि कारगिल जंग LoC को बदलकर कश्मीर पर कब्जा करने के लिए पाकिस्तान की सोची-समझी साजिश थी।
कारगिल की आजम चौकी पर पाक जवानों का कब्जा
कारगिल में लड़ाई की शुरुआत तब हुई, जब पाकिस्तानी सैनिकों ने यहां ऊंची पहाड़ियों पर चुपचाप कब्जा करके अपने ठिकाने बना लिए थे। 8 मई 1999 को कारगिल की आजम चौकी पर पाकिस्तान के करीब 12 जवानों ने कब्जा किया था।
चरवाहे ने दी थी कब्जे की खबर
पाकिस्तान के जवानों को एक भारतीय चरवाहे ने देखा था। उसने भारतीय सेना को घुसपैठ की सूचना दी थी। भारतीय सेना को लगा कि थोड़े-बहुत आतंकियों ने कश्मीर की घाटी पर कब्जा किया है, इसलिए कुछ ही सैनिकों को उन्हें खदेड़ने भेजा। जब अलग-अलग चोटियों से हमला हुआ तब पता चला कि ये बड़ी साजिश है।
भारतीय सेना ने की ऑपरेशन विजय की तैयारी
भारतीय जवानों ने ऑपरेशन विजय की तैयारी की। पाक सैनिक ऊंची पहाड़ियों पर बैठे थे, इसलिए भारतीय सैनिकों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। भारत के जवानों ने दुश्मन की नजर से बचने के लिए रात में मुश्किल चढ़ाई की। शुरुआत में भारतीय सेना के कई जवान शहीद हुए।
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कारगिल वॉर में वायु सेना और नौसेना की बड़ी भूमिका
कारगिल वॉर में भारतीय वायु सेना और नौसेना की बड़ी भूमिका रही थी। भारत ने मिग-29 और मिराज 2000 से पाकिस्तानी सैनिकों पर बम गिराए थे। इस दौरान पाकिस्तान ने हमारे दो लड़ाकू विमान मार गिराए थे, वहीं एक क्रैश हो गया था। नौसेना ने ऑपरेशन तलवार चलाया था। कराची समेत कई पाक बंदरगाहों के रास्ते रोके थे ताकि कारगिल युद्ध के लिए जरूरी ईंधन की सप्लाई न हो सके। भारत ने अरब सागर में अपने जहाजी बेड़े को लाकर पाकिस्तान के समुद्री व्यापार रास्ते को भी बंद कर दिया था।
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भीषण युद्ध के बाद हारा पाकिस्तान
भारत ने कारगिल वॉर में बोफोर्स तोपों के इस्तेमाल का फैसला किया। आसमान से वायु सेना का हमला और जमीन से बोफोर्स तोप के भारी-भरकम गोलों के हमले ने पाकिस्तान के सैनिकों को भागने पर मजबूर कर दिया। करीब 2 महीने तक भीषण युद्ध चला। 527 भारतीय जवान शहीद हुए और पाकिस्तान के करीब 3 हजार सैनिक मारे गए। वहीं पाकिस्तान सिर्फ 357 सैनिकों के मरने का दावा करता है। 26 जुलाई 1999 को भारत ने कारगिल की आखिरी चोटी पर कब्जा किया और पाकिस्तान की हार हुई।