Pakistan Return
राजू लक्ष्मण पिंडारे… यह वह नाम है जो आज मध्य प्रदेश से लेकर पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। एक शख्स जो पाकिस्तान की जेल में 3 साल से ज्यादा रहने के बाद वापस अपने घर खंडवा लौट आया। यहां पूरे गांव ने मिलकर उसका खूब स्वागत किया। उसकी झलक देखकर मां बसंताबाई की आंखों को राहत मिली, पिता लक्ष्मण पिंडारे ने गले लगाकर अपना प्यार जताया। अब राजू से पूरा गांव और उसके रिश्तेदार खंडवा से पाकिस्तान और पाकिस्तान से फिर खंडवा जिले के इंधावड़ी गांव तक आने की कहानी सुनने में लगे हुए हैं। जैसे-जैसे राजू को अपने साथ हुई घटनाएं याद आती जा रही हैं, वैसे-वैसे वह उन्हें बता रहा है।
Raju Pindare
दरअसल, राजू साल 2019 में अचानक कहीं गायब हो गया था, जिसे ढूंढने में उसके मां-बाप ने जमीन आसमान एक कर दिया, लेकिन उसका कोई पता नहीं लग सका। राजू को ढूंढने में परिवार की सारी जमा पूंजी भी खर्च हो चुकी थी। बस एक उम्मीद ही बाकी थी, जिसके सहारे राजू की मां उसकी राह देखती रही। आखिकार 21 फरवरी 2023 की देर रात राजू की मां की आंखों के सामने जैसे ही उसका बेटा आ गया तो उसने राहत की सांस ली। आंसुओं की झड़ी के बीच राजू अपने परिवार से मिल रहा था तो वहीं गांवभर की निगाहें राजू पर टिकी हुई थीं, जिनमें राजू की वापसी को लेकर कई सवाल थे। अब उन सभी सवालों के जवाब में राजू अपनी आपबीति सुना रहा है।…
जासूस करार दिया
पाकिस्तान की जेल से वापस लौटे राजू ने बताया कि उसे सब कुछ साफ-साफ याद नहीं है, लेकिन वह एक टमाटकर के ट्रक से राजस्थान पहुंचा और वहां से भूलवश भारत-पाकिस्तान की बार्डर पार गया। वह पाकिस्तान में यहां-वहां घूम रहा था कि पाकिस्तान पुलिस ने उसे पकड़ लिया। सवाल पूछने पर राजू ने जवाब दिया कि वह मध्य प्रदेश के खंडवा जिले का रहने वाले है। जैसे ही पाकिस्तान पुलिस ने यह बात सुनी तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने राजू को पकड़कर पाकिस्तान आर्मी के हवाले कर दिया। राजू ने बताया कि यहां उसे जासूस करार देते हुए यातनाएं दी गईं। पाकिस्तान आर्मी के अफसरों ने उससे कई सारे सवाल किए।
कई तरह के सवाल पूछे
राजू ने बताया कि पाकिस्तान की जेल में उसके साथ बेहोश होने तक मापीट की जाती थी और कई तरह के सवाल पूछे जाते थे। तब तक पीटा जाता था, जब तक कि वह बेहोश न हो जाए। जैसे ही उसे होश आता तो वह अपने आप को एक बंद कमरे में पाता था, जिसके बाद उससे फिर मारपीट और पूछताछ शुरू कर दी जाती थी। राजू की बातें सुनते हुए गांव वाले उसे मिलने वाली यातनाओं को सुनते हुए सिहर जाते हैं। राजू ने बताया कि उसे कई दिनों तक भूखा रखा जाता था और बर्फ के बड़े टुकड़े पर लिटाकर मारपीट की जाती थी। वह कई -कई दिनों तक होश में नहीं आ पाता था। पाकिस्तान पुलिस ने भारत से अपने स्तर पर जानकारी ली, जिसके बाद पता चला कि वह भूलवश पाकिस्तान पहुंच गया था।
14 फरवरी को छोड़ने का फैसला
जब पाकिस्तान आर्मी और पुलिस को यकीन हुआ कि वह कोई जासूस नहीं है, भूलवश पाकिस्तान की बार्डर पार कर गया था तो उसे 14 फरवरी के दिन छोड़ने का फैसला लिया गया। भारत-पाकिस्तान की अटारी बार्डर से उसे वापस भारत भेज दिया गया। जिसके बाद वह मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात अपने गृह जिले खंडवा पहुंचा। यहां राजनेताओं और गांव वालों ने उसका जोरदार स्वागत किया। गांव वालों ने फूल मालाएं पहनाकर राजू को घोड़े पर बैठाया और उसके घर तक पहुंचाया। अब वह अपनी आपबीति घर और गांव वालों को सुना रहा है, जिसे लोग कहानियों की तरह सुन रहे हैं…।