IND PAK Citizenship: नागरिकता संशोधन अधिनियम के देश में लागू होने के बाद इसका फायदा दुर्ग में रहने वाले एक पाकिस्तानी परिवार को हुआ है। पाकिस्तान से आए दुल्हानि परिवार को 17 साल बाद भारत की नागरिकता हासिल हुई है। दुर्ग कलेक्टर रिचा प्रकाश चौधरी ने उन्हें ये नागरिकता पत्र सौंपा है।
इसके बाद दुल्हानि परिवार का खुशी का ठिकाना नहीं रहा, परिवार के मुखिया रामी देवी ने बताया कि उनका मायका दुर्ग में ही है। जबकि रामी देवी की शादी पाकिस्तान (IND PAK Citizenship) में हुई थी। उनके बच्चों का जन्म जरूर भारत में हुआ। उनका परिवार 2005 में पाकिस्तान चला गया था। पाकिस्तान में उनके पति का देहांत हो गया। इसके बाद वह 2007 में भारत वापस आ गईं। उन्हें भारत की नागरिकता पाने में 17 साल लग गए।
2007 में दुर्ग आया था दुल्हानि परिवार
पाकिस्तान (IND PAK Citizenship) से छत्तीसगढ़ दुर्ग में दुल्हानि परिवार 20087 में आया था। इसके बाद उक्त परिवार ने भारत की नागरिकता पाने के लिए आवेदन दिया। इसकी कागजी कार्रवाई में 17 साल लग गए। अब सीएए के तहत दुल्हानि परिवार को नागरिकता मिली। परिवार की मुखिया रामी देवी ने जानकारी दी कि वह दुर्ग की ही रहने वाली है, उसका मायका यहीं है। शादी जरूर पाकिस्तान में हुई।
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पाकिस्तान चला गया था परिवार
रामी देवी ने बताया कि शादी के बाद उनका परिवार साल 2005 में पाकिस्तान (IND PAK Citizenship) चला गया था। जबकि उनके बच्चों का जन्म भारत में ही हुआ है। पाकिस्तान में उनके पति का निधन हो गया। 2007 में वे वापस भारत आ गए। इसके बाद से उन्हें वापस भारत की नागरिकता पाने में 17 साल लगे।
अब अपना प्रतिनिधि भी चुन सकेंगे
रामी देवी की बेटी हर्षिता बताती हैं कि हमारा परिवार आज तक किसी भी वोटिंग प्रक्रिया में शामिल नहीं हुआ है। थोड़ी दिक्कत भी होती थी, लेकिन अब नागरिकता (IND PAK Citizenship) मिलने के बाद सब कुछ आसान हो गया है। वह वोटिंग भी कर सकेंगे पहला वोट नगर निगम के चुनाव में डालने जाएंगे।
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