Islamabad: पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है जहां उसे अब FATF के ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। जिसके बाद अब पाकिस्तान को अंतराष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज लेने में आसानी होगी। गौरतलब है कि FATF के ग्रे लिस्ट में होने के कारण पाकिस्तान में विश्व बैंक के साथ-साथ ADB बैंक से लोन लेना मुश्किल हो गया था।
बता दें कि पैरिस में स्थित वैश्विक स्तर पर आतंकी को फंडिंग देने के मामलो की निगरानी करने वाली संस्था ने करीब 4 साल बाद पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे सूची से बाहर निकाल दिया है। FATF ने कहा, “पाकिस्तान ने धन शोधन के खिलाफ प्रयासों को मजबूत किया है। वह आतंकवाद को मिल रही फंडिंग से लड़ रहा है। साथ ही उसने तकनीकी खामियों को दूर किया गया है। पाकिस्तान द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग पर एशिया पैसिफिक ग्रुप के साथ काम करने, एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद विरोधी वित्तपोषण प्रणाली को बेहतर बनाने के चलते यह फैसला लिया गया है। ” इससे पहले जून 2022 में FATF ने ये संकेत दिए थे कि पाकिस्तान को ग्रे सूची से बाहर किया जा सकता है।
टेरर फंडिंग पर रोक लगाना था मकसद
बता दें कि FATF द्वारा पाकिस्तान को 2018 ग्रे लिस्ट में डालने का मतलब यह था कि उस पर टेरर फंडिंग के साथ मनी लौन्ड्रिंग को लेकर पैनी नजर रखी जाएगी। ग्रे लिस्ट में आने के बाद पाकिस्तान के आयात, निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा और अंतरराष्ट्रीय उधार लेने में उसकी पहुंच सीमित कर दी।
निरंतर प्रयासों का प्रमाण -पीएम शहबाज शरीफ
FATF के ग्रे लिस्ट से बाहर होने के बाद पीएम शहबाज शरीफ ने कहा, “पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर होना वर्षों से हमारे दृढ़ और निरंतर प्रयासों का प्रमाण है। मैं अपने असैन्य और सैन्य नेतृत्व के साथ-साथ उन सभी संस्थानों को बधाई देना चाहता हूं जिनकी कड़ी मेहनत से आज सफलता मिली है। आप सब को बहुत मुबारक। “