नई दिल्ली। Padmini Ekadashi 2023 Date-Time-Upay: शुक्ल पक्ष की एकादशी को भक्त भगवान विष्णु का व्रत रखते हैं। लेकिन आज हम आपको ऐसी एकादशी के बारे में बताने जा रहे हैं जो साल में एक बार आती है, यदि आप भी मनोकामना पूर्ण करना चाहते हैं तो आपको बता दें इस व्रत का नाम पद्मिनी एकादशी हैं। ज्योतिष के अनुसार इसके लिए कोई भी महीना निश्चित नहीं है। ये एकादशी इस बार सावन मास में आ रही है। चलिए जानतें हैं इस साल पद्मिनी एकादशी कब आ रही है। इसकी तिथि, उपाय और परायण समय क्या है।
इस दिन आती है पद्मिनी एकादशी
हिन्दू पंचांग के अनुसार वैसे तो एकादशी हर महीने आती है, पद्यमनी एकादशी केवल अधिकमास में आती है। इस बार ये एकादशी सावन माह के शुल्क पक्ष में आ रही है।
कब है पद्मिनी एकादशी 2023
आपको बता दें पद्यमिनी एकादशी साल में एक बार आती है। अगर आप भी इस एकादशी का व्रत रखना चाहते हैं तो आपको बता दें इस साल पद्यमनी एकादशी 29 जुलाई 2023 को शनिवार के दिन आ रही है। साथ ही इस व्रत का परायण 30 जुलाई सुबह 5:41 से 8:24 तक रहेगा।
पद्मिनी एकादशी का परायण कब करना चाहिए
ज्योतिषाचार्य के अनुसार पद्यमनी एकादशी (Padmini Ekadashi 2023) के व्रत का परायण करने का एक सही समय होता है। साथ ही एक समय ऐसा भी है जब एकादशी व्रत का परायण नहीं करना चाहिए। हरिवासर समय में व्रत का परायण नहीं करना चाहिए।
क्या होता है हरिवासर समय
हिन्दू पंचांग के अनुसार हरिवासर समय द्वादश तिथि के पहले प्रहर का समय होता है। हर तिथि को चार प्रहरों में बांटा जाता है। ऐसे में एकादशी तिथि का परायण पहले प्रहर में करना वर्जित माना गया है। इस समय के बीतने के बाद ही पद्मिनी एकादशी व्रत का परायण करना चाहिए।
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हरिवासर समय में परायण करने से क्या होता है
एकादशी का परायण हरिवासन प्रहर या समय में नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस समय में परायण करने से भगवान विष्णु नारायण हो जाते हैं। ऐसे में भक्तों को उनका क्रोध झेलना पड़ सकता है।
कब रखना चाहिए पद्मिनी एकादशी का व्रत
अगर आप भी एकादशी व्रत को रखने को लेकर कंफ्यूज हैं कि इसे पहले दिन रखना चाहिए या दूसरे दिन आपको बता दें गृहस्थ जीवन यापन करने वालों को पहले दिन एकादशी का व्रत रखना चाहिए। तो वहीं विधवा या संत लोगों को दूसरे दिन एकादशी का व्रत रखना श्रेष्ठ होता है। यानि प्रथम दिन सांसारिक व्यक्तियों को तो दूसरे दिन सन्यासी लोगों को ये व्रत करना चाहिए।
पद्मिनी एकादशी 2023 तिथि और समय
पद्मिनी एकादशी प्रारंभ तिथि – 28 जुलाई रात 2:51 मिनट
पद्मिनी एकादशी समाप्ति तिथि – 29 जुलाई दिन में 1:05 मिनट
पद्मिनी एकादशी का परायण – 30 जुलाई को सुबह 5:41 से 8:24 तक
पद्मिनी एकादशी के उपाय
पद्मिनी एकादशी (Padmini Ekadashi 2023) पर अगर आप अपनी मनोकामना के लिए भगवान से मन्नत मांगने जा रहे हैं तो इसके लिए आप व्रत वाले दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी नारायण मंदिर जाएं। अपने साथ पूजन के लिए पंचोपचार पूजन सामग्री साथ लेकर जाएं। ध्यान रखें अपने साथ एक पीला कपड़ा, लाल चुनरी, पीले पुष्पों की माला, लाल पुष्पों की माला लेकर जाएं। पूरे विधिवत पूजन करने के बाद भगवान विष्णु को पीले पुष्पों की माला और पीला कपड़ा साथ ही मां लक्ष्मी को लाल चुनरी और लाल पुष्पों की माला पहनाकर अपनी मनोकामना के लिए प्रार्थना करें। अगर लाल गुलाब फूलों की माला हो तो बहुत श्रेष्ठ करें। ये उपाय आपको पद्मिनी एकादशी (Padmini Ekadashi 2023) के दिन जरूर करना चाहिए।
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