Image source- @AbeShinzo
नई दिल्ली। हर साल देश में गणतंत्र दिवस (Republic Day) की पूर्व संध्या पर भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में शामिल पद्म पुरस्कारों (Padma Awards) की घोषणा की जाती है। इस बार 7 हस्तियों को पद्म विभूषण, 10 हस्तियों को पद्म भूषण और 102 हस्तियों को पद्म श्री परस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा पद्म विभूषण पुरस्कार के लिए चयनित होने वाले जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे (Shinzo Abe) को लेकर हो रही है। लोग जानना चाहते हैं कि कैसे किसी विदेशी को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों से परस्कृत किया जाता है और ये किस आधार पर उन्हें दिया जाएगा।
पहले भी विदेशी नागरिकों को दिया जाता रहा है पुरस्कार
मालूम हो कि शिंजो आबे पहले विदेशी नहीं हैं जिन्हें पद्म पुरस्कारों के लिए चयनित किया गया है। पिछले साल ही 141 लोगों को पद्म पुरस्कार दिया गया था। जिसमें 7 पद्म विभूषण, 16 पद्म भूषण और 118 पद्मश्री परस्कार दिए गए थे। इनमें से 18 लोग गैर-भारतीय थे। 2019 में 11 गैर भारतीयों को पुरस्कार दिया गया था। इससे पहले भी विदेशी नागरिकों को ये पुरस्कार दिया जाता था।
काम में विशिष्टता के लिए दिया जाता है ये पुरस्कार
भारतीय सर्वोच्च सम्मान के लिए ये कहीं नहीं लिखा गया है कि ये सम्मान सिर्फ भारतीय को दिया जाएगा। यही नहीं देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न भी विदेशी हस्तियों को दिया जा चुका है। ये पुरस्कार अपने-अपने काम में विशिष्टता के लिए दिया जाता है। जैसे- कला, शिक्षा, साहित्य, खेल, चिकित्सा, विज्ञान, सामाजिक कार्य, इंजीनियरिंग, सिविल सेवा, व्यापार और कई क्षेत्रों में आसाधारण उपलब्धि हासिल करने के लिए दिया जाता है। इस पुरस्कार को देने के लिए लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता। हालांकि सरकारी कर्मचारी, कोई अधिकारी, सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारी, डॉक्टर और वैज्ञानिक को तब तक इन पद्म पुरस्कारों के लिए योग्य नहीं माना जाता जब तक कि वे अपने पद पर बनें रहते हैं।
इस सम्मान के लिए कैसे होता है चयन
पद्म पुरस्कार दिए जाने से पहले विशिष्ट कार्य करने वाले लोगों का चयन किया जाता है। चयनित शख्सियतों के नामों को पहले राज्य सरकार, केद्रीय मंत्रालय या प्रतिष्ठित संस्थान प्रधानमंत्री द्वारा गठित समिति के पास सिफारिश करते हैं। उसके बाद समिति इन नामों पर विचार करता है। जब नाम तय हो जाते हैं तो इसे प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाता है। जब सभी जगह से स्वीकृति मिल जाती है तो फिर पद्म सम्मान से सम्मानित होने वाले शख्सियतों के नामों की घोषणा की जाती है।
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को उनके कार्यकाल में भारत-जापान के संबंधों को काफी मजबूती प्रदान करने के लिए, उन्हें लोकसेवा के लिए पद्म विभूषण सम्मान दिया गया है।