Padma Award 2025 Announced: गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्म पुरस्कारों की घोषणा की। इसमें मध्यप्रदेश की उद्यमी सैली होल्कर, कुवैत की योगा टीचर शेखा एजे अल-सबा और सेब सम्राट हरिमन का नाम भी शामिल है।
इसके अलावा गोवा स्वतंत्रता आंदोलन के सेनानी लीबिया लोबो सरदेसाई, मराठी लेखक मारुति भुजंगराव, दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा भटला, सामाजिक कार्यकर्ता भीम सिंह भावेश ,दक्षिण भारतीय संगीतकार पी. दत्चनमूर्ति, फल किसान एल. हैंगथिंग को भी पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा।
President Droupadi Murmu has approved Gallantry awards to 93 Armed Forces and Central Armed Police Forces personnel, including 11 posthumous, on the eve of 76th Republic Day. These include two Kirti Chakras, including one posthumous; 14 Shaurya Chakras, including three… pic.twitter.com/pbzYJLOsHA
— ANI (@ANI) January 25, 2025
पद्मश्री पुरस्कार की लिस्ट
- मध्यप्रदेश की सामाजिक उद्यमी सैली होल्कर
- गोवा के स्वतंत्रता सेनानी लीबिया लोबो सरदेसाई
- पश्चिम बंगाल के ढाक वादक गोकुल चंद्र दास
- कुवैत की योग टीचर शेखा एजे अल-सबा
- उत्तराखंड के ट्रैवल ब्लॉगर दंपती ह्यूग और कोलीन गैंटजर
- नगालैंड के फल किसान एल हैंगथिंग
- पुडुचेरी के वादक पी दत्चनमूर्ति
- मराठी लेखक मारुति भुजंगराव चितमपल्ली
- दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा भटला
- भोजपुर के सामाजिक कार्यकर्ता भीम सिंह भावेश
- सिक्किम के ‘नेपाली गीतों के गुरु’ नरेन गुरुंग
लीबिया लोबो सरदेसाई: सरदेसाई ने गोवा के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने 1955 में पुर्तगाली शासन के खिलाफ लोगों को एकजुट करने के लिए जंगली इलाके में भूमिगत रेडियो स्टेशन ‘वोज दा लिबरडाबे (स्वतंत्रता की आवाज)’ की सह-स्थापना की थी।
ढाक वादक गोकुल चंद्र डे: पश्चिम बंगाल के 57 वर्षीय ढाक वादक गोकुल चंद्र डे ने पुरुष प्रधान क्षेत्र में 150 महिलाओं को प्रशिक्षित करके लैंगिक रूढ़िवादिता को तोड़ा है। डे ने पारंपरिक वाद्य यंत्र से 1.5 किलोग्राम का हल्का ढाक भी बनाया और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने पंडित रविशंकर और उस्ताद जाकिर हुसैन जैसे उस्तादों के साथ भी प्रस्तुति दी।
सैली होल्कर: महिला सशक्तिकरण की मुखर समर्थक 82 वर्षीय सैली होल्कर ने माहेश्वरी शिल्प का कायाकल्प किया, जो एक समय लुप्त हो रहा था। उन्होंने पारंपरिक बुनाई तकनीकों का प्रशिक्षण देने के लिए मध्य प्रदेश के महेश्वर में हथकरघा विद्यालय की स्थापना की। अमेरिका में जन्मी और रानी अहिल्याबाई होल्कर की विरासत से प्रेरित होकर सैली ने 300 साल पुरानी बुनाई विरासत को पुनर्जीवित करने के लिए पूरा जीवन लगा दिया।
डॉ. नीरजा भटला: दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा भटला को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। डॉ. नीरजा गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का पता लगाने, उसकी रोकथाम और प्रबंधन के लिए जानी जाती हैं.
नरेन गुरुंग: सिक्किम के ‘नेपाली गीतों के गुरु’ नरेन गुरुंग को कला क्षेत्र में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने पिछले 60 वर्षों से सिक्किमी लोक संगीत को संरक्षित करने, कलाकारों को सलाह देने और वैश्विक स्तर पर परंपरा को प्रदर्शित करने का काम किया है।
भीम सिंह भावेश: बिहार के भोजपुर के सामाजिक कार्यकर्ता भीम सिंह भावेश को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है. वह पिछले 22 वर्षों से अपनी संस्था ‘नई आशा’ के जरिये समाज के सबसे हाशिए पर पड़े मुसहर समुदाय के उत्थान के लिए अथक काम कर रहे हैं.
पी. दत्चनमूर्ति: पुडुचेरी के वादक पी. दत्चनमूर्ति को पद्मश्री पुरस्कार दिया जाएगा। वह दक्षिण भारतीय संगीत और संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण शास्त्रीय ताल वाद्य यंत्र थाविल में विशेषज्ञता रखने वाले वाद्य वादक हैं। उनके पास 5 दशकों से अधिक का अनुभव है।
एल. हैंगथिंग: पद्मश्री विजेता एल. हैंगथिंग नगालैंड के नोकलाक निवासी एक फल किसान हैं, जिन्हें गैर-देसी फलों की खेती में 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है।
वीरता पुरस्कारों का भी ऐलान
इसी के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के 93 कर्मियों (11 मरणोपरांत सहित) को वीरता पुरस्कारों को मंजूरी दे दी है। इनमें दो कीर्ति चक्र ( एक मरणोपरांत), 14 शौर्य चक्र (तीन मरणोपरांत), एक सेना पदक बार (वीरता) के लिए, 66 सेना पदक (सात मरणोपरांत); दो नौसेना पदक (वीरता) और आठ वायु सेना पदक (वीरता) शामिल हैं।
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राष्ट्रपति की रक्षा अलंकरणों को मंजूरी
इसके अलावा राष्ट्रपति ने सशस्त्र बलों और अन्य कर्मियों के लिए 305 रक्षा अलंकरणों को भी मंजूरी दी। इनमें 30 परम विशिष्ट सेवा पदक, पांच उत्तम युद्ध सेवा पदक, 57 अति-विशिष्ट सेवा पदक, 10 युद्ध सेवा पदक, एक सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण), 15 वायु सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण); चार बार विशिष्ट सेवा पदक और 132 विशिष्ट सेवा पदक शामिल हैं।
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्र के नाम संबोधन, कहा- हमारा संविधान जीवंत दस्तावेज
Republic Day President Draupadi Murmu: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र को संबोधित किया। सबसे पहले राष्ट्रपति ने देशवासियों को 76वें गणतंत्र दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि संविधान एक जीवंत दस्तावेज है, जो हमारी सामाजिक अस्मिता का मूल आधार है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…