नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यहां राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में मंगलवार को मूर्तिकार सुदर्शन साहू और लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन समेत अन्य को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया। ओडिशा से ताल्लुक रखने वाले साहू को कला के क्षेत्र में योगदान देने के लिए पद्म विभूषण से नवाज़ा गया है। वहीं, कर्नाटक के चिकित्सक एवं शिक्षाविद बी. मोनप्पा हेगड़े और पुरातत्व के क्षेत्र में जाने माने नाम बीबी लाल को भी पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
सुमित्रा महाजन को जनसेवा में उल्लेखनीय योगदान देने और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी रहे नृपेंद्र मिश्रा को लोक सेवा में योगदान के लिए पद्म भूषण से नवाज़ा गया। महाजन, भारत की ऐसी पहली महिला हैं जो आठ बार सांसद रही हैं। असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरूण गोगोई, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशूभाई पटेल और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को मरणोपरांत पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। उनके परिवार के सदस्यों ने ये पुरस्कार ग्रहण किए।
President Ram Nath Kovind, Vice President M. Venkaiah Naidu and Prime Minister Narendra Modi with the Padma Awardees at Rashtrapati Bhavan today. pic.twitter.com/c9uG2OECAA
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 9, 2021
जिन 60 व्यक्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, उनमें से सात व्यक्ति राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में मौजूद नहीं थे। इनमें जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे और ब्रिटेन के जाने माने थिएटर एवं फिल्म निर्देशक पीटर ब्रूक शामिल हैं। जापान के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे आबे को इस वर्ष गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई थी, जबकि ब्रूक को पद्म श्री देने का ऐलान किया गया था।
असम के सामाजिक कार्यकर्ता लखीमी बरुआ, हरियाणा के कुरुक्षेत्र के हिंदी साहित्यकार प्रोफेसर जय भगवान गोयल, राजस्थान के मांगणियार लोक गायक लाखा खान, कर्नाटक संगीत की गायिका बॉम्बे जयश्री रामनाथ, देहरादून के वरिष्ठ आर्थोपेडिक सर्जन भूपेंद्र कुमार सिंह संजय और श्रीनगर से हिंदी के प्रसिद्ध प्राध्यापक एवं पत्रकार चमन लाल सप्रू को पद्म श्री पुरस्कार से नवाजा गया। राजस्थान के पाली लेखक अर्जुन सिंह शेखावत, संस्कृत व्याकरण के आचार्य रामयत्न शुक्ला, दिल्ली के सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र सिंह शंटी, स्टीपलचेज एथलीट सुधा सिंह, बिहार की वरिष्ठ हिंदी लेखिका मृदुला सिन्हा (मरणोपरांत), कोयंबटूर के ‘गियर मैन’ पी सुब्रमण्यम (मरणोपरांत), पश्चिम बंगाल की सामाजिक कार्यकर्ता गुरु मां कमली सोरेन और भोपाल के आदिवासी लोक संस्कृति के विद्वान कपिल तिवारी को भी पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
भारत के प्रमुख ड्वॉर्फ पैरा एथलीट के वाई वेंकटेश और बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में अहम भूमिका निभाने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल काज़ी सज्जाद अली ज़हीर को भी पद्म श्री से सम्मानित किया गया। उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर मौजूद रहे। पद्म पुरस्कारों के माध्यम से सरकार, कला, साहित्य और शिक्षा, खेल, चिकित्सा, सामाजिक कार्य, विज्ञान और इंजीनियरिंग, जनसेवा, लोक सेवा, व्यापार तथा उद्योग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में ‘विशिष्ट कार्य’ को मान्यता देती है।
पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों- पद्म विभूषण, पद्म भूषण, पद्म श्री- में दिए जाते हैं। इसकी घोषणा प्रति वर्ष गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर की जाती है। पद्म विभूषण असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए, पद्म भूषण उच्च श्रेणी की विशिष्ट सेवा के लिए और पद्म श्री किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार 2014 से पद्म पुरस्कारों से कई ‘ गुमनाम नायकों’ को सम्मानित कर रही है, जो विभिन्न तरीकों से समाज में योगदान देते रहे हैं।