रायपुर। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी इस बार बायोमीट्रिक सिस्टम से की जा रही है। कोरबा में भी 90 फीसदी धान खरीदी केंद्रों में इसी तरीके से खरीदी हो रही है। किसानों को कोई परेशानी ना हो। इसका खास तौर पर ध्यान रखा जा रहा है।
आटोपी से भी हो रही खरीदी
किसानों की मदद के लिए एक-एक शख्स की नियुक्ति भी की जा रही है। अगर आधार मशीन में स्वीकार नहीं होने पर किसान के पंजीकृत मोबाइल नंबर में ओटीपी आएगा। जिसका उपयोग कर धान खरीदी प्रक्रिया पूरी होगी।
90 फीसदी उपार्जन केन्द्रों यही व्यवस्था
कोरबा में किसान अपना अंगूठा लगाने के बाद ही धान बेच सकते हैं। जिले के 90 फीसदी उपार्जन केन्द्रों में बायोमेट्रिक सिस्टम के जरिए ही धान खरीदी की जा रही है।
अट्रस्टेड व्यक्ति भी किए गए नियुक्त
इस प्रणाली के जरिए किसान अगर किसी कारणवश धान बेचने में कोई दिक्कत हो तो एक-एक अट्रस्टेड व्यक्ति की नियुक्ति भी की गई है। किसान का आधार मशीन में स्वीकार नहीं होने पर किसान के पंजीकृत मोबाइल नंबर में ओटीपी आएगा, जिसका उपयोग कर धान खरीदी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। इस प्रकिया को लेकर किसान भी अब निश्चिंत नजर आ रहे हैं।
बिचौलिए से बाचाने लागू की गई व्यवस्था
समर्थन मूल्य पर होने वाली धान खरीदी में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए बायोमेट्रिक प्रणाली की शुरुवात की गई है। कोरबा जिले में पिछले साल की तुलना में इस वर्ष अधिक धान खरीदी की संभावना है। ऐसे में बिचौलिए भी सक्रिय हो गए हैं। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए शासन द्वारा बायोमैट्रिक सिस्टम को लागू किया गया है।
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