Advertisment

नए साल 2026 के व्रत त्यौहार: कब आएंगे दीपावली- दहशरा, देखें रक्षाबंधन, होली सहित मुख्य त्योहारों की पूरी लिस्ट

Year 2026 Festival List Diwali Holi Rakshabandhan: साल 2025 की विदाई होने को है। इसके बाद शुरू हो जाएगा। नया साल 2026। हर कोई जानना चाहता है कि नए साल में होली दशहरा, दीपावली जैसे बड़े त्योहार कब आएंगे।

author-image
Preeti Dwivedi
Year 2026 Festival List diwali holi rakshabandhan gudi padwa

Year 2026 Festival List Diwali Holi Rakshabandhan: साल 2025 की विदाई होने को है। इसके बाद शुरू हो जाएगा। नया साल 2026। हर कोई जानना चाहता है कि नए साल में होली दशहरा, दीपावली जैसे बड़े त्योहार कब आएंगे। तो आपको बता दें अधिक मास के चलते साल 2026 में होली, गुड़ी पड़वा और रामनवमीं इस साल से पहले आएंगे तो वहीं दीपावली रक्षाबंधन इस साल के बाद आएंगे। 

Advertisment

साल 2026 में क्यों बाद में आएंगे त्योहार 

आपको बता दें साल 2026 में अधिकमास लगने के कारण त्योहारों की तिथियों में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। यही कारण है कि 2025 की तुलना में साल 2026 में कई प्रमुख त्योहारों की तिथियों में आगे-पीछे होंगा। जनवरी से जून तक यानी शुरुआती 6 महीने के त्योहार पहले आएंगे तो वहीं बाद के 6 महीने के त्योहार इस साल के बाद आएंगे। 

क्या रहेगा बदलाव

2026 में साल के शुरुआती 6 महीने के त्योहार 10 दिन पहले आएंगे। इसके बाद के त्योहार 19 दिन तक की देरी से मनाए जाएंगे। पंचांग और तिथियों पर अधिकमास का सीधा असर पड़ेगा ।

वे प्रमुख त्योहार जो 2026 में 16 से 19 दिन की देरी से आएंगे

त्योहार2025 में2026 मेंकितने दिन बाद
जगन्नाथ रथ यात्रा27 जून16 जुलाई18 दिन
चातुर्मास प्रारंभ06 जुलाई25 जुलाई18 दिन
रक्षा बंधन09 अगस्त28 अगस्त19 दिन
कृष्ण जन्माष्टमी16 अगस्त04 सितंबर17 दिन
गणेशोत्सव27 अगस्त14 सितंबर16 दिन
शारदीय नवरात्र22 सितंबर11 अक्टूबर18 दिन
दशहरा02 अक्टूबर21 अक्टूबर18 दिन
दीपावली20 अक्टूबर08 नवंबर18 दिन
Advertisment

वे प्रमुख त्योहार जो 2026 में 9–10 दिन पहले आएंगे

त्योहार2025 में तिथि2026 में तिथिकितने दिन पहले
मौनी अमावस्या29 जनवरी18 जनवरी10 दिन
वसंत पंचमी3 फरवरी23 जनवरी10 दिन
महाशिवरात्रि26 फरवरी15 फरवरी10 दिन
होली14 मार्च3 मार्च10 दिन
गुड़ी पड़वा30 मार्च19 मार्च10 दिन
राम नवमी6 अप्रैल27 मार्च9 दिन
महावीर जयंती10 अप्रैल31 मार्च9 दिन
हनुमान जयंती12 अप्रैल2 अप्रैल10 दिन
अक्षय तृतीया30 अप्रैल20 अप्रैल9 दिन
बुद्ध पूर्णिमा12 मई1 मई10 दिन
गंगा दशहरा5 जून26 मई9 दिन

क्यों बदलती हैं तारीखें

ज्योतिषाचार्य [पंडित राम गोविन्द शास्त्री के अनुसार चंद्र वर्ष 354 दिन का होता है। सूर्य वर्ष 365 दिन का होता है। इस अंतर को संतुलित करने के लिए अधिकमास जोड़ा जाता है। अधिकमास को मलमास और खरमास भी कहते हैं। ये हर तीन साल में एक बार आता है। जिस वर्ष अधिकमास होता है उस वर्ष तिथियों में बदलाव होता है। 

खरमास किसे कहते हैं? (Kharmas Kya hota Hai) 

हिन्दू पंचांग (Hindu Panchang) के अनुसार एक साल में 12 राशियों की 12 संक्रांति होती है। ऐसे में जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है, तो उसे धनु संक्रांति कहा जाता है।

Advertisment

जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तो उसे मकर संक्रांति कहते हैं। पर इन दोनों संक्रांतियों के बीच के समय को मलमास कहते हैं। इसे समय अंतराल को ही खरमास कहते हैं।

खरमास में क्यों नहीं होते शुभ काम (Kharmas me Shubh Kam Kyon Nahi Karte) 

ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार गुरु देव बृहस्पति धनु राशि के स्वामी हैं। जब बृहस्पति अपनी ही राशि में प्रवेश करते हैं तो ये जातकों के लिए अच्छा नहीं होता है।
ऐसे में लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर पड़ जाता है। इसलिए धनु राशि में सूर्य के कमजोर होने के चलते ही इसे मलमास (Malmass 2025) कहते हैं।

Advertisment

खरमास क्या होते हैं (What is Kharmas) 

kharmass kya hote hain

खरमास दो शब्दों से मिलकर बना है, पहला है ‘खर’ जिसका अर्थ साधारण बोलचाल की भाषा में गधे के रूप में लिया जाता है। गधे को आलस्य और धीमी गति का प्रतीक मानते हैं। ‘मास’ का अर्थ होता है महीना। यानी खरमास का मतलब, ऐसा समय जिसमें उर्जा और शुभता कम हो जाती है, यह वह अवधि है जब सूर्य धनु और मीन राशि में रहता है, यह अवधि लगभग तीस दिन की होती है।

Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें