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कटक, 17 जनवरी (भाषा) उड़ीसा उच्च न्यायालय ने 15 महीने के बच्चे को पिता के सुपुर्द करने की अनुमति दे दी है।
अदालत ने फैसला देते हुए टिप्पणी की कि मां के साथ अलग रहना बच्चे के मानसिक, शारीरिक विकास के लिए हानिकारक हो सकता है और उसपर मानसिक रूप से नकारात्मक असर डाल सकता है।
अदालत ने यह निर्देश उस वीडियो को संज्ञान में लेते हुए लिया जिसमें मां बच्चे को बुरी तरह से पीट रही है और लगातार यातना दे रही है।
न्यायमूर्ति एसके मिश्रा और न्यायमूर्ति सावित्री राठो की खंडपीठ ने शुक्रवार को पुरी जिला निवासी चक्रधर नायक की बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिका स्वीकार करते हुए पत्नी को निर्देश दिया कि वह सात दिनों के भीतर बच्चे को पिता के सुपुर्द करे।
अदालत ने निर्देश दिया, ‘‘ अगर महिला सात दिन में ऐसा नहीं करती है तो पुलिस उचित कार्रवाई कर बच्चे को उससे लेकर पिता के सुपुर्द करे।’’
भाषा धीरज प्रशांत
प्रशांत
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