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Operation Sindoor: "सिंदूर का बदला पूरा, शहीद शुभम की पत्नी का आँसुओं भरा संदेश, पिता बोले- अब मेरा बेटा शांति से सोएगा

Operation Sindoor: 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में अपने पति को खोने वाली ऐशन्या की आँखों में आज वो आँसू नहीं, बल्कि संतोष था। जब उसने टीवी पर देखा कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर जवाबी हमला किया है, तो उसके होंठों से बस एक ही शब्द निकला - "धन्यवाद मोदी जी!"

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anurag dubey
Operation Sindoor:

हाइलाइट्स

  • "मेरे सिंदूर का बदला पूरा हुआ," ऐशन्या
  • मैं भारत माता के इन वीर सपूतों को नमन करता रहूँगा
  • एक माँ का दर्द, एक पत्नी का संघर्ष और एक देश का संकल्प
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Operation Sindoor: 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में अपने पति को खोने वाली ऐशन्या की आँखों में आज वो आँसू नहीं, बल्कि संतोष था। जब उसने टीवी पर देखा कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर जवाबी हमला किया है, तो उसके होंठों से बस एक ही शब्द निकला - "धन्यवाद मोदी जी!"

"मेरे सिंदूर का बदला पूरा हुआ," ऐशन्या

भावुक मन से शहीद शुभम की पत्नी ने कहा कि "मेरे सिंदूर का बदला पूरा हुआ," ऐशन्या ने कहते हुए अपनी चूड़ियों को सहलाया, "मेरे शुभम ने जिस देश के लिए अपनी जान दी, आज उसी देश ने उसके बलिदान का सम्मान किया है।"

वहीं शुभम के पिता संजय द्विवेदी का गला भर आया जब उन्होंने सेना के जवाबी हमले की खबर सुनी। "आज मेरे बेटे की आत्मा को सच्ची शांति मिली है," उन्होंने कहा, "जब तक मैं जीवित हूँ, मैं भारत माता के इन वीर सपूतों को नमन करता रहूँगा।"

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पूरे देश में आज एक ही भावना छाई हुई है - गर्व! उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस भावना को शब्द दिए - "जय हिंद! जय हिंद की सेना श्रृंगवेरपुर धाम के जगतगुरु शांडिल्य जी महाराज ने कहा - "आज हर भारतीय का सिर गर्व से ऊँचा है। हमारी सेना ने साबित कर दिया कि भारत की मिट्टी के लालों का बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाता।

एक माँ का दर्द, एक पत्नी का संघर्ष और एक देश का संकल्प

शुभम की माँ आज भी अपने बेटे की तस्वीर को सीने से लगाए बैठी है। उनकी आँखों में वही सवाल है जो हर शहीद की माँ के मन में होता है - "क्या मेरे बेटे की मौत का मतलब समझा गया?" आज उन्हें जवाब मिल गया है।"मेरा बेटा अमर हो गया," वह कहती हैं, "आज मुझे विश्वास हो गया कि मेरे बेटे का खून बेकार नहीं गया। यह कहानी सिर्फ एक शहीद की नहीं है। यह हर उस भारतीय की कहानी है जो आतंकवाद के खिलाफ खड़ा है। शुभम की याद में आज पूरा देश एक स्वर में कह रहा है -"तुम्हारा बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा शुभम, हर बूँद खून का हिसाब होगा।

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