Pt. Pradeep Mishra कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा के नाम पर ऑनलाइन ठगी किए जाने का मामला सामने आया है। श्रद्धालुओं से पं. प्रदीप मिश्रा के नाम पर किताबें और रुद्राक्ष दिए जाने के नाम पर 500-500 रुपए वसूली की जा रही थी। बीते कई दिनों से यह ठग यह काम कर रहे थे और पं. प्रदीप मिश्रा के नाम पर ऑनलाइन ठगी को अंजाम दे रहे थे। जब इस संबंध में शिकायत मंडी थाना पुलिस को दर्ज कराई गई तो दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। Online fraud
दरअसल, कुछ लोगों द्वारा कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा की फोटो के साथ एक वेब पोर्टल बना लिया गया है, जिसपर श्री विट्ठलेश सेवा समिति के नाम पर फर्जी क्यूआर कोड का इस्तेमाल किया गया और श्रद्धालुओं से 500-500 रुपए की राशि किताबों और रुद्राक्ष को ऑनलाइन मंगाने के लिए वसूली जाने लगी। जब तक इस फर्जवाड़े की जानकारी लगती आरोपियों ने लाखों रुपए की फर्जीवाड़ा क्यूआर कोड का माध्यम से कर लिया है।
इस संबंध में पुलिस से शिकायत की गई, जिसके बाद मंडी थाना पुलिस ने राजस्थान से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों से पूछताछ की जा रही है। इस संबंध में मंडी टीआई हरी सिंह परमार ने जनकारी दी है कि पं. मिश्रा के नाम पर धोखाधड़ी किए जाने की जानकारी लगी थी, जिसके बाद सीहोर के मंडी पुलिस थाने में आरोपी विकास विश्नोई पर मामला दर्ज किया गया था। मामले में कार्रवाई करते हुए विकास विश्नोई और मदनलाल निवासी जालौर, राजस्थान को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस के अनुसार यह आरोपी कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा का नाम से फर्जी वेबसाइट संचालित कर रहे थे। इसके साथ ही वाट्सएप ग्रुप बनाकर श्रद्धालुओं से राशि की ठगी कर रहे थे। आरोपियों द्वारा पं. मिश्रा की लिखी हुई किताबें के साथ ही रूद्राक्ष को ऑनलाइन मंगवाने के लिए 500 रुपए की राशि की मांग की जा रही थी। पकड़े गए दोनों आरोपियों के बीते दिन मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सीहोर अर्चना नायडू बोडे के न्यायालय में पेश किया, जिसके बाद 19 जनवरी तक पुलिस रिमांड पर सौंपा गया है।