नई दिल्ली: कोरोनाकाल के बाद से स्कूल और कोचिंग क्लासेस बंद हैं। लेकिन बच्चों की पढ़ाई का नुकसान ना हो इसके लिए ऑनलाइन क्लासेस चलाई जा रही है। लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई में भी कई तरह की समस्याएं आ रही है, इन्हीं समस्याओं को दूर करने की योजना पर सरकार अब मजबूती से काम कर रही है। जिससे कोरोना जैसी किसी नई चुनौती के आने पर उसका डटकर मुकाबला कर सके।
वहीं ऑनलाइन पढ़ाई से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्टर को मजबूत करने के लिए राज्यों से विस्तृत प्रस्ताव मांगे गए हैं। इसके साथ ही सिक्षकों के प्रशिक्षण की भी पूरी रिपोर्ट को मांगा गया है। यह योजना इसलिए भी बनाई जा रही हैं क्योंकि मौजूदा समय में देश के ज्यादातर स्कूलों के पास ऑनलाइन पढ़ाई को लेक कोई इंफ्रास्ट्रक्टर नहीं है।
जारी रहेगी ऑनलाइन पढ़ाई
ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर शिक्षा मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि ऑनलाइन पढाई जारी रहेगी और इसके साथ ही तीस फीसद पाठ्यक्रम ऑनलाइन पढ़ाया जाएगा। जिसके लिए स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्टर भी जुटाए जाएंगे। जिनमें बिजली, कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधाएं शामिल होंगी।
शैक्षणिक संस्थानों में मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा। खासकर स्कूलों में इससे जुड़ी मुहिम को और तेज किया जाएगा। यूनिफाइड डिस्ट्रिक इन इनफारमेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के सिर्फ डेढ़ लाख सरकारी स्कूलों के पास ही इंटरनेट की सुविधा है। वहीं कम्प्यूटर सिर्फ तीन लाख स्कूलों के पास है।
देश के करीब ढाई लाख सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जहां अब तक बिजली नहीं है। कोरोना काल के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई भले ही एक विकल्प के रूप में शुरू की गई, लेकिन सरकार अब इसे एक नया आधार देगी।