हाइलाइट्स
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पहले 31 मार्च तक प्याज के एक्सपोर्ट पर लगा था प्रतिबंध
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22 मार्च को प्याज पर प्रतिबंध अनिश्चितकाल के लिए बढ़ाया
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एक सप्ताह में 1500 रुपये क्विंटल तक गिरे प्याज के दाम
Onion Price: मध्य प्रदेश में बीते 10 दिनों में प्याज के रेट थोक बाजार में गिर गए हैं। बावजूद इसके यह हमें मार्केट में 20 से 30 रुपये किलो तक मिल रही है।
किसान को हो रहे नुकसान को देखते हुए सरकार ने एक बड़ा दांव खेला है। इससे किसानों के हालात बदलने की उम्मीद है।
एक्सपोर्ट पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध का असर
केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय (Commerce Ministry) के तहत आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशक (DGFT) प्याज के निर्यात से जुड़ा एक आदेश 22 मार्च को देर रात निकाला।
आदेश के अनुसार प्याज के निर्यात (Onion Export) पर रोक का जो आदेश 31 मार्च 2024 तक प्रभावी था, उसे अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
इस अनिश्चितकालीन प्रतिबंध का असर ये हुआ कि थोक बाजार में प्याज के दाम धड़ाम (Onion Price) से गिर गए।
3 महीने में आधे भी नहीं रहे रेट
दिसंबर तक किसानों को मंडी में प्याज के रेट 4500 रुपये क्विंटल तक मिले। 8 दिसंबर को 31 मार्च तक एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगाने का आदेश आता है। जिसके बाद थोक बाजार में प्याज के दाम गिरने (Onion Price) का सिलसिला शुरु हो जाता है।
दस दिन पहले तक मंडियों में दो हजार से 2200 रुपये प्रति क्विंटल तक रेट मिले, लेकिन जैसे ही प्रतिबंध अनिश्चितकालीन के लिए लगाया गया मंडी में रेट गिरकर 600 से 1 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक आ गए।
एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी के ये हैं हाल
एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी नासिक जिले के लासलगांव में मौजूद है। बंसल न्यूज डिजिटल ने यहां के थोक व्यापारी से बात की।
व्यापारियों ने बताया कि एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगने से कुछ दिनों में ही प्याज के रेट 2200 से गिरकर 1500 रुपये प्रति क्विंटल तक आ गए हैं। अभी 100 से 200 रुपये के बीच दाम और गिर (Onion Price) सकते हैं।
लागत भी नहीं निकाल पा रहे किसान
6 से 10 रुपये किलो (Onion Price) तक प्याज के दाम होने से किसान लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं। एक बीघा जमीन पर प्याज का उत्पादन 65 क्विंटल के आसपास है।
ऐसे में उसे अब इस प्याज की कीमत 39 हजार से 65 हजार रुपये तक मिलेगी। जबकि इसकी एक बीघा में लागत ही 40 से 45 हजार रुपये तक है।
क्यों लगाया जाता है प्रतिबंध
पूरा खेल डिमांड और सप्लाई को कंट्रोल करने से जुड़ा है। प्याज जब एक्सपोर्ट होता है तो एक निश्चित समय में देश में प्याज की किल्लत हो जाती है।
यही कारण है कि पूर्व के साल में 200 रुपये प्रति किलो (Onion Price) तक मार्केट में प्याज बिकी। यह स्थिति दोबारा न आए इसलिए सरकार ने प्याज के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगाकर रखा है।
ताकि देश में प्याज की किल्लत न हो और एक आम आदमी को वाजिब दामों में ये मिल सके।
अभी ही दाम गिरने की ये वजह
मार्केट में प्याज का बफर स्टॉक पहले से मौजूद है। वहीं प्याज की नई खेप भी मार्केट में आने लगी है। एक्सपोर्ट पर रोक के कारण डिमांड में कोई इजाफा नहीं हुआ।
इधर प्याज की सप्लाई तेजी से बढ़ गई। अब ऐसे में तेजी से दाम गिरना (Onion Price) तो वाजिब है, लेकिन सवाल ये है कि यदि प्याज इतना सस्ता है तो हमें यह अब भी महंगा क्यों मिल रहा है?
इसलिए हमारी थाली का प्याज महंगा
किसान को प्याज के दाम 6 से 10 रुपये किलो तक मिल रहे हैं। जबकि यही प्याज बाजार में 20 से 30 रुपये किलो (Onion Price) तक हमें मिल रहा है।
हमारी थाली में महंगा प्याज पहुंचने की मुख्य वजह है किसान और सब्जी विक्रेता के बीच के दलाल। किसान और विक्रेता के बीच दो दलाल का कमीशन ही 10 रुपये के आसपास है।
इसके बाद विक्रेता इसमें अपना प्रॉफिट जोड़कर हमें बेचता है। यही कारण है कि प्याज सस्ती होने के बाद भी हमें महंगी मिल रही है।
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सरकार किसानों से खरीदेगी प्याज
प्याज के कम दामों की समस्या से जूझ रहे किसानों को सरकार ने राहत दी है। सरकार जल्द ही किसानों से प्याज की खरीदी शुरु करने वाली है। एक दो दिन में इसके तारीख की घोषणा हो जाएगी।
वहीं पूर्व की तरह मैत्री देश भूटान, बहरीन, मॉरीशस, बांग्लादेश और संयुक्त अरब अमीरात को प्याज के निर्यात की अनुमति दी है।
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सरकार की इस नीति से किसे क्या फायदा
सरकारी खरीद से निश्चित तौर पर किसानों को राहत मिलेगी। उन्हें 25 रुपये किलो (Onion Price) तक प्याज के दाम मिल सकते हैं।
हालांकि आम आदमी के लिए राहत की बात यही होगी कि उसके लिए प्याज के दाम कम नहीं होंगे तो बढ़ेंगे भी नहीं। यानी हमें प्याज 20 से 30 रुपये किलो तक मिलती रहेगी।