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Onam 2023: देशवासियों को राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दीं ओणम पर्व की शुभकामनाएं, जानें इस पर्व के बारे में

राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने ओणम की पूर्व संध्या पर देशवासियों विशेषकर केरल के लोगों को शुभकामनाएं दी हैं।

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Agnesh Parashar
Onam 2023: देशवासियों को राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दीं ओणम पर्व की शुभकामनाएं, जानें इस पर्व के बारे में

Onam 2023: राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने ओणम की पूर्व संध्या पर देशवासियों विशेषकर केरल के लोगों को शुभकामनाएं दी हैं। राष्‍ट्रपति ने कहा कि यह त्यौहार फसल की कटाई के शुरुआत में आता है और यह केरल के समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अनूठा उदाहरण है।

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उन्‍होंने कहा कि यह त्यौहार प्रकृति के प्रति अपना आभार व्यक्त करने का भी अवसर है। जाति और धर्म से ऊपर उठकर सभी लोगों द्वारा इस त्यौहार को मनाने से सामाजिक सौहार्द का संदेश मिलता है।

10 दिनों तक मनाया जाता ओणम पर्व

ओणम का पूर्व भगवान विष्णु के स्वागत करने के लिए मनाया जाता है। महाराजा बलि और वामन भगवान का प्रसंग भी ओणम पर्व से ही संबंधित है। इस बार ओणम पर्व की शुरूआत 20 अगस्त से हुई थी। जिसकी समाप्ती 31 अगस्त को होने वाली है। बता दें कि केरल में इस पर्व को खास रुप में मनाया जाता है।

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इस वजह से मनाया जाता है ओणम पर्व

दरअसल, इस पर्व के पीछे हिंदू धर्म के ग्रंन्थों में एक प्रसंग है जिसके मुताबिक, जो महाराज बलि और भगवान विष्णु के वामन अवतार से संबंधित है। कहा जाता है कि दक्षिण भारत में ये पर्व महाराजा बलि के धरती पर स्वागत के लिए मनाया जाता है। भगवान विष्णु  ने वामन अवतार लेकर महाराजा  बलि से दान में तीन पग जमीन मांगी थी।

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वामन देव ने मांगी थी तीन पग जमीन

राजा बलि सच्चे ह्रदय के स्वामी होने के साथ साथ बहुत बड़े दानी थे उन्होंने तीन पग जमीन लेने की हामी भर दी तब वामन अवतार लेकर राजा बलि की परीक्षा ले रहे भगवान विष्णु ने विशाल स्वरूप अपनाया और एक पग में धरती और दूसरे पग में आसमान नाप लिया तीसरे पग के लिए जब कुछ बचा ही नहीं तो अपना प्रण रखने के लिए राजा बलि ने अपनी छाती आगे कर दी।

राजा बलि को भेज दिया था पाताल

इस तरह उनके रहने के लिए जब जगह नहीं बची तो भगवान विष्णु ने उनको पाताल लोक में भेज दिया था। इसके बाद राजा बलि हर साल सावन माह के श्रवण नक्षत्र में अपनी प्रजा की सुध लेने धरती पर आते हैं। इस दस दिनों के दौरान दक्षिण भारत में घर सजाए जाते हैं, बाजारों में खूब रौनक रहती है और पूजा पाठ के साथ साथ लोग उत्सव मनाते हैं।

विभिन्न प्रकार के होते हैं आयोजन

दक्षिण भारत का बेहद ही प्रचलित ओणम पर्व दस दिनों तक चलता है। इस दौरान दक्षिण भारत के राज्यों में खास आयोजन होते हैं। जिसमें कथकली नृत्य,सर्प नौका दौड़ जैसे खेलों का आयोजन किया जाता है। इस समय राज्यों में मेलें भी लगते हैं। इस पर्व पर घरों से फूलों से सजाया जाता है।

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