Jagannath Rath Yatra 2024: देशभर में जगन्नाथ रथ यात्रा काफी प्रसिद्द है. जगन्नाथ का अर्थ है जगत के नाथ यानी ब्रह्माण्ड के स्वामी. जगन्नाथ मंदिर को चार धाम में से सबसे जरुरी और पवित्र तीर्थस्थल है. उड़ीसा के पूरी में आज जगन्नाथ यात्रा निकाली जाएगी. इस यात्रा में देश विदेश से जगन्नाथ भगवान के दर्शन करने आते हैं.
इस यात्रा के दौरान पूरी में भगवान् श्रीकृष्ण और उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा रथ पर सवार रहते हैं. सिर्फ ओडिशा ही नहीं पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में भी रथयात्रा की धूम रहती है. इस मौके पर भगवान देश भर में भगवान् श्रीकृष्ण को मालपुआ का प्रसाद ख़ासतौर पर चढ़ाया जाता है. अगर आप भी आज जगन्नाथ यात्रा के अवसर पर मालपुआ बनाना चाहते हैं.
तो आप इस आसान रेसिपी को फॉलो करके स्वादिष्ट मालपुआ तैयार कर सकते हैं.
क्या चाहिए
मैदा (All-purpose flour) – 1 कप, सूजी (Semolina) – 1/4 कप, दूध – 1 कप, पानी – आवश्यकता अनुसार, चीनी – 1 कप,इलायची पाउडर – 1/2 चम्मच, केसर (saffron) – चुटकीभर (वैकल्पिक), सौंफ (fennel seeds) – 1/2 चम्मच, तेल या घी – तलने के लिए, ड्राई फ्रूट्स – गार्निश के लिए (काजू, बादाम, पिस्ता)
ऐसे करें तैयार
बेस तैयार करना:
एक बड़े बर्तन में मैदा और सूजी को मिलाएं।
इसमें धीरे-धीरे दूध डालकर एक गाढ़ा घोल तैयार करें। अगर घोल अधिक गाढ़ा लगे, तो पानी मिलाकर सही स्थिरता प्राप्त करें।
इस घोल में इलायची पाउडर और सौंफ डालकर अच्छे से मिलाएं।
मिश्रण को 30 मिनट के लिए ढक कर रख दें ताकि सूजी फूल जाए।
चाशनी तैयार करना:
एक पैन में चीनी और 1 कप पानी डालकर चीनी घुलने तक उबालें।
इसमें केसर डालकर और 5-7 मिनट के लिए चाशनी को गाढ़ा होने तक पकाएं।
चाशनी को आंच से उतार लें और एक तरफ रख दें।
मालपुआ तलना:
एक कढ़ाई में तेल या घी गरम करें।
तैयार घोल से छोटे-छोटे मालपुआ को गरम तेल में सुनहरा होने तक तलें।
तले हुए मालपुआ को किचन पेपर पर निकालें ताकि अतिरिक्त तेल निकल जाए।
मालपुआ को चाशनी में डालना:
तले हुए मालपुआ को गर्म चाशनी में 2-3 मिनट के लिए डालें ताकि वे चाशनी को अच्छे से सोख लें।
मालपुआ को प्लेट में निकालें और ऊपर से ड्राई फ्रूट्स से गार्निश करें।
क्या है जगन्नाथ यात्रा का महत्व ?
जगन्नाथ यात्रा, जिसे रथ यात्रा भी कहा जाता है, एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। यह उड़ीसा के पुरी में भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथों पर यात्रा का आयोजन होता है। इस दौरान तीनों देवताओं को विशाल, सजाए गए रथों पर रखा जाता है और भक्तों द्वारा खींचकर गुंडिचा मंदिर तक ले जाया जाता है।
यह यात्रा भगवान जगन्नाथ के गुंडिचा मंदिर में नौ दिन के विश्राम का प्रतीक है। यह पर्व लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, जो इस यात्रा में भाग लेकर भगवान के दर्शन करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। जगन्नाथ यात्रा का महत्व बहुत ही विशिष्ट और धार्मिक है।
यह उड़ीसा के पुरी शहर में मनाई जाती है, जहाँ भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के विशाल रथों को भक्तों द्वारा खींचा जाता है। यह उत्सव भगवान जगन्नाथ के वार्षिक रथ यात्रा के रूप में जाना जाता है, जो हिन्दू धर्म के प्रमुख त्यौहारों में से एक है।
इस यात्रा के दौरान भगवान अपने भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर से बाहर आते हैं। यह पर्व आस्था, भक्ति और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है, जहाँ लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं और भगवान के आशीर्वाद की प्राप्ति करते हैं।