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हाइलाइट्स
ओंकारेश्वर अभयारण्य की सीएम ने घोषणा की
611 वर्ग किमी में फैलेगा संरक्षित वन क्षेत्र
असम से आएंगे जंगली भैंसे और गेंडे
Omkareshwar Sanctuary: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य स्थापना दिवस के मौके पर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए ओंकारेश्वर अभयारण्य (Omkareshwar Sanctuary) के गठन की घोषणा की। यह अभयारण्य खंडवा और देवास जिलों के वन क्षेत्रों को मिलाकर बनाया जाएगा, जिसका कुल क्षेत्रफल 611 वर्ग किलोमीटर तय किया गया है।
https://twitter.com/DrMohanYadav51/status/1984572795129311650
अभ्युदय कार्यक्रम में हुई औपचारिक घोषणा
भोपाल में आयोजित ‘अभ्युदय कार्यक्रम’ (Abhyuday Programme) के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ओंकारेश्वर अभयारण्य की औपचारिक घोषणा की। उन्होंने बताया कि यह अभयारण्य प्रदेश की पर्यावरणीय धरोहर को मजबूत करेगा और वन्यजीवों के संरक्षण में नई दिशा देगा। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि डूब क्षेत्र (Submerged Area) को अभयारण्य की सीमा से बाहर रखा जाएगा, ताकि पर्यावरणीय संतुलन बना रहे और स्थानीय लोगों की आजीविका पर असर न पड़े।
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ओंकारेश्वर (फाइल फोटो)[/caption]
असम से आएंगे जंगली भैंसे और गेंडे
सीएम मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की जैव विविधता (Biodiversity) को समृद्ध बनाने के लिए असम से जंगली भैंसे (Wild Buffalo) और गेंडे (Rhinoceros) लाने की तैयारी कर रही है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश पहले ही चीतों के पुनर्स्थापन (Cheetah Reintroduction) में सफल रहा है, अब अन्य वन्यजीवों की उपस्थिति से प्रदेश की पारिस्थितिकी (Ecology) और भी मजबूत होगी।
खंडवा और देवास के जंगल होंगे शामिल
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, ओंकारेश्वर अभयारण्य खंडवा और देवास दोनों वनमंडलों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों को मिलाकर बनाया जाएगा। खंडवा वनमंडल के पुनासा, मूंदी, चांदगढ़ और बलडी परिक्षेत्र शामिल होंगे, वहीं देवास वनमंडल के सतवास, कांटाफोड़, पुंजापुरा और उदयनगर परिक्षेत्र को भी इस अभयारण्य में जोड़ा जाएगा। कुल मिलाकर 61,407 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र को इस परियोजना का हिस्सा बनाया गया है।
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लंबे समय से लंबित था प्रस्ताव
ओंकारेश्वर वन्यप्राणी अभयारण्य (Omkareshwar Wildlife Sanctuary) का प्रस्ताव कई वर्षों से शासन स्तर पर लंबित था। इंदिरा सागर बांध (Indira Sagar Dam) के निर्माण को स्वीकृति मिले 39 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन पर्यावरणीय आपत्तियों और केंद्र सरकार के मानकों के कारण अभयारण्य की अधिसूचना बार-बार टलती रही। करीब पांच वर्ष पहले इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की संभावना बनी थी, लेकिन कालीसिंध लिंक परियोजना (Kalisindh Link Project) के चलते इसे स्थगित कर दिया गया था।
नर्मदा नदी में छोड़े थे मगरमच्छ
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह निर्णय अचानक नहीं लिया गया। दरअसल, 30 अक्टूबर को उन्होंने खंडवा के नर्मदानगर दौरे के दौरान नर्मदा नदी (Narmada River) में छह मगरमच्छ छोड़े थे। उस समय उन्होंने कहा था कि मां नर्मदा की गोद में वन्यजीवों की सुरक्षा हमारा संकल्प है।
सीएम बोले- मध्यप्रदेश नदियों का मायका है
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने संबोधन में कहा कि मध्यप्रदेश नदियों का मायका (Motherland of Rivers) है। यहां हर जीव को स्वच्छंद जीवन का अधिकार है। उन्होंने बताया कि चीतों के सफल पुनर्स्थापन के बाद अब नौरादेही अभयारण्य (Nauradehi Sanctuary) में नामीबिया (Namibia) से आए नए चीतों को छोड़ा जाएगा। मगरमच्छ नर्मदा की पारिस्थितिकी को मजबूत करेंगे और जलीय संतुलन बनाए रखेंगे।
ई-सेवा नागरिक एप लॉन्च
राज्य स्थापना दिवस के दूसरे सत्र में मुख्यमंत्री ने विजन डॉक्यूमेंट 2047 (Vision Document 2047) का विमोचन किया। इसके साथ ही उन्होंने नागरिक सेवाओं को आसान बनाने के उद्देश्य से ‘ई-सेवा नागरिक एप’ (E-Seva Nagrik App) की शुरुआत की। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू, कई जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
MP IPS Retirement 2026 List : 2026 में रिटायर होंगे 16 IPS अधिकारी, सरकार ने जारी की लिस्ट, देखें
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मध्यप्रदेश सरकार ने वर्ष 2026 में रिटायर्ड होने वाले 16 IPS अधिकारियों की सूची जारी कर दी है। राज्य के कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अगले साल रिटायरमेंट की उम्र सीमा पूरी करने जा रहे हैं। इनमें प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) कैलाश मकवाना सहित कई बड़े नाम शामिल हैं। एमपी कैडर के 17 IPS अधिकारी वर्ष 2025 में रिटायर हो रहे हैं, जबकि 16 अधिकारी 2026 में सेवानिवृत्त होंगे। इन अधिकारियों की सेवा अवधि पूरी होने के साथ प्रदेश के पुलिस विभाग में बड़े स्तर पर अधिकारियों के तबादले और नई नियुक्तियों की तैयारी भी पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें।
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