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हाइलाइट्स
- ओंकारेश्वर बंद से श्रद्धालु परेशान
- ममलेश्वर लोक प्रोजेक्ट निरस्त
- दर्शन को आए लोग बिना प्रसादी लौटे
Omkareshwar Protest: ओंकारेश्वर में प्रस्तावित ममलेश्वर लोक प्रोजेक्ट निरस्त कर दिया गया। अपर कलेक्टर काशीराम पडोले ने बताया कि ममलेश्वर लोक का सर्वे चल रहा था। इसमें बड़े स्तर पर लोगों के साथ ही कुछ आश्रमों का भी विस्थापन होने वाला था। बहुत से लोगों की रोजी-रोटी भी प्रभावित हो रही थी। संत समाज ने इसे लेकर नाराजगी जताई थी। लोग भी लोक नहीं बनने के पक्ष में थे। संत समाज और जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए शासन-प्रशासन ने यह फैसला लिया कि अभी ममलेश्वर लोक के निर्माण को निरस्त किया जाता है।
ओंकारेश्वर बंद का असर
तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में सोमवार (17 नवंबर) का दिन पूरी तरह ठहरा हुआ नजर आया। ममलेश्वर लोक निर्माण के विरोध में नगरवासियों ने तीन दिवसीय ऐच्छिक बंद बुलाया था, जिसका पहला दिन ही बेहद प्रभावी रहा। शहर की सड़कें सुनसान रहीं, दुकानें बंद रहीं और बाजार का पूरा ढांचा ठप हो गया। दूर-दूर से दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं को कई असुविधाओं का सामना करना पड़ा।
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विरोध के काण बाजार बंद।[/caption]
बाजार और परिवहन ठप
सोमवार सुबह से ही ओंकारेश्वर का मुख्य बाजार बंद मिला। दुकानों के शटर गिरे थे, होटल और लॉज बंद थे और स्वचालित रिक्शा (auto) तथा अन्य स्थानीय परिवहन (local transport) भी नहीं चले। बस स्टैंड से ओंकारेश्वर मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को करीब दो किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। बाजार की बंदी का सीधा असर उन हजारों लोगों पर पड़ा जो प्रतिदिन यहां प्रसादी, चाय-नाश्ता और भोजन के लिए दुकानों पर निर्भर रहते हैं।
शहर में करीब 35 हजार श्रद्धालु ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए पहुंचे थे। बंद के चलते न नावें चलीं, न घाटों पर नावें उतरीं। ब्रह्मपुरी घाट, नागर घाट, मां नर्मदा घाट और जेपी चौक जैसे प्रमुख स्थान दिनभर शांत पड़े रहे। श्रद्धालु पहली बार बिना प्रसादी मंदिर पहुंचे और दर्शन के बाद तुरंत लौटते दिखे। केवल मंदिर परिसर में स्थित प्रसादालय और कुछ स्टॉलों से ही प्रसाद और भोजन उपलब्ध हो पाया।
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सोमवार सुबह से ही ओंकारेश्वर का मुख्य बाजार बंद मिला।[/caption]
क्या है विरोध की वजह
नगरवासियों का विरोध ममलेश्वर लोक परियोजना को लेकर है, जिसे मूल स्थान से हटाकर दूसरी जगह बनाने की मांग की जा रही है। नागरिकों का कहना है कि प्रस्तावित निर्माण क्षेत्र में उनकी पुरानी बस्तियां, दुकानें और धार्मिक स्थल आ रहे हैं। प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री मोहन यादव और विधायक नारायण पटेल से इस विषय पर मिल चुका है। पर संतोषजनक समाधान न मिलने पर ऐच्छिक बंद का निर्णय लिया गया।
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प्रशासन और निवासियों की चर्चा जारी
बंद के असर को देखते हुए प्रशासन सक्रिय हो गया है। कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं। एडीएम और पुनासा एसडीएम स्थानीय निवासियों से बातचीत कर बंद समाप्त करने के प्रयास में जुटे हैं।
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ममलेश्वर लोक परियोजना को लेकर स्थानीय लोगों का विरोध।[/caption]
क्या है पूरा प्रस्ताव
ममलेश्वर लोक को ओंकारेश्वर में आध्यात्मिक अनुभूति का बड़ा केंद्र बताया जा रहा है। यहां शिखर दर्शन दीर्घा में ओंकारेश्वर से जुड़ी पौराणिक कथाओं को प्रदर्शित किया जाएगा। ममलेश्वर पथ पर भक्ति मार्ग बनाया जा रहा है, जहां से श्रद्धालु पूजन सामग्री और प्रसादी ले सकेंगे। छायादार मार्ग पर शिवपुराण कथाओं को दर्शाती प्रतिमाएं लगाई जाएंगी।
रेवा दर्शन प्रांगण में मां नर्मदा और ओंकारेश्वर का भव्य दृश्य मिलेगा। ओंकार संस्कृति सुविधा केंद्र में डिजिटल व्याख्या दीर्घा (digital interpretation gallery) और सांस्कृतिक ज्ञान की प्रस्तुति होगी। विंध्य वाटिका में महर्षि नादर जी से जुड़ी लोककथाएं प्रदर्शित होंगी। सुव्यवस्थित मार्ग और केंद्रीय प्रांगण इसे एक आधुनिक आध्यात्मिक अनुभव क्षेत्र (spiritual experience zone) बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
2027 तक पूरा करने का लक्ष्य
उज्जैन सिंहस्थ 2028 के मद्देनजर ममलेश्वर लोक का निर्माण 4.6 हेक्टेयर क्षेत्र में 120 करोड़ रुपए की लागत से प्रस्तावित है। सरकारी सर्वे पूरा हो चुका है, जिसमें 189 मकान, 184 दुकानें, 10 आश्रम, 15 गेस्ट हाउस (guest house) और 9 धर्मशालाएं प्रभावित क्षेत्र में चिन्हित की गई हैं। ब्रह्मपुरी क्षेत्र (जिसे सरकारी रिकॉर्ड में ओंकारेश्वर की सबसे पुरानी बस्ती बताया गया है) भी इसमें शामिल है। निर्माण की डेडलाइन दिसंबर 2027 तय की गई है, जिसके चलते पुराने मकान और दुकानें हटाने की प्रक्रिया प्रस्तावित है।
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मध्य प्रदेश में ठंड ने पिछले 24 घंटों में करवट बदल ली है। कड़ाके की शीतलहर के कारण कई जिलों में लोगों को सुबह और शाम भी भारी सर्दी का सामना करना पड़ रहा। सोमवार, 17 नवंबर को सुबह 8:30 बजे के मौसम प्रेक्षण के आधार पर जारी रिपोर्ट में बताया गयाष मौसम विभाग के मुताबिक, प्रदेश के सभी 10 संभागों में मौसम पूरी तरह शुष्क रहा, लेकिन तापमान लगातार पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें।
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