/bansal-news/media/post_attachments/wp-content/uploads/2024/07/10-8-2.jpg)
Old Pension Scheme Restored प्रदेश सरकार ने मंत्रिमंडल की अपनी पहली बैठक में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली को शुक्रवार को मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी मिलने से कर्मचारियों में खुशी का माहौल है। यहां बता दें कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंत्रिमंडल की अपनी पहली बैठक में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली को शुक्रवार को मंजूरी दे दी है। सरकार ने वर्तमान में नई पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत आने वाले 1.36 लाख कर्मचारियों के लिए इसे लोहड़ी के उपहार के रूप में बताया।
कांग्रेस पार्टी ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ओपीएस को बहाल करने का वादा किया था और वह इस पर कायम रही। मंत्रिमंडल ने कांग्रेस पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र को सरकार के नीति दस्तावेज के रूप में अपनाने का भी निर्णय लिया। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पत्रकारों से कहा कि अपने चुनावी दौरे के दौरान, एआईसीसी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने हमें ओपीएस की बहाली का वादा करने के लिए कहा था और हमने इसे ‘प्रतिज्ञा पत्र’ में शामिल किया और मंत्रिमंडल की पहली बैठक में वादा पूरा किया।
उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना का लाभ आज 13 जनवरी, 2023 से दिया जाएगा और इस संबंध में जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी। मुख्यमंत्री ने 18 से 60 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं को 1,500 रुपए प्रति माह प्रदान करने के वादे को लागू करने पर जोर देते हुए कहा कि कृषि मंत्री चंद्र कुमार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की एक उप समिति का गठन किया गया है, जिसमें धनी राम शांडिल, अनिरुद्ध सिंह और जगत नेगी को सदस्यों के रूप में शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि यह समिति 1,500 रुपए प्रति माह के वितरण के लिए 30 दिनों में एक रूपरेखा तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि एक लाख नौकरियों की संभावना तलाशने के लिए समिति का भी गठन किया गया है। पिछली सरकार पर वित्तीय कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार को न केवल 75,000 करोड़ रुपए की कर्ज देनदारी विरासत में मिली है, बल्कि कर्मचारियों और पेंशनधारियों से संबंधित 11,000 करोड़ रुपये की देनदारी भी है।
ऐसा इसीलिए क्योंकि, पिछली सरकार ने कर्मचारियों को 4,430 करोड़ रुपए, पेंशनधारियों को 5,226 करोड़ रुपए। और छठे वेतन आयोग के तहत 1,000 करोड़ रुपये के महंगाई भत्ते का भुगतान नहीं किया है। सुक्खू ने कहा कि एनपीएस के तहत, कर्मचारियों और सरकार ने क्रमशः दस प्रतिशत और 14 प्रतिशत का योगदान दिया और 8,000 करोड़ रुपए की राशि केंद्र सरकार के पास पड़ी है, जो यह राशि नहीं देना चाहती है, लेकिन सरकार ने इसके बिना ही यह फैसला किया है।
/bansal-news/media/agency_attachments/2025/10/15/2025-10-15t102639676z-logo-bansal-640x480-sunil-shukla-2025-10-15-15-56-39.png)
Follow Us
चैनल से जुड़ें