हाइलाइट्स
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कर्मचारियों ने फिर बुलंद किया OPS का नारा
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ओल्ड पेंशन स्कीम का विवाद है 20 साल पुराना
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OPS कर्मचारियों के बुढ़ापे का है सहारा
Old Pension Scheme: लोकसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है। ऐसे में प्रदेश के कर्मचारियों ने ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) का नारा फिर से बुलंद कर दिया है। कर्मचारियों को यह उम्मीद हैं कि उनकी ये मांग पूरी हो सकती है। यही वजह है कि कर्मचारी अपने-अपने स्तर पर मांग उठाने लगे हैं। यदि सरकार कर्मचारियों की गुहार सुनती है, तो प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारियों को इस योजना का लाभ एक बार फिर से मिलना शुरू हो जाएगा।
Old Pension Scheme है बुढ़ापे का सहारा, Lok Sabha Chunav 2024 से पहले कर्मचारियों ने फिर बुलंद किया OPS का नाराhttps://t.co/ECdxD57RWN@narendramodi @DrMohanYadav51 @jitupatwari#pension #oldpensionscheme #pensionscheme #LokSabhaElection2024 #LokSabhaElections2024… pic.twitter.com/kuTLujeaK2
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) March 29, 2024
क्या है OPS, NPS स्कीम विवाद?
ये विवाद नया नहीं बल्कि 20 साल पुराना है। बता दें कि साल 2004 से पहले दी जाने वाली ओल्ड पेंशन स्कीम को सरकार द्वारा नेशनल पेंशन स्कीम से बदल दिया। तब से ही इस योजना पर विवाद छिड़ गया और यह मुद्दा गरमाने लगा।
न्यू पेंशन योजना (NPS) लागू होने से ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) का विवाद इतना बढ़ गया कि विधानसभा में भी इसकी गूंज सुनाई दी।
कर्मचारी संगठनों का मानना है कि न्यू पेंशन स्कीम (NPS) को अपनाने से उनका बुढ़ापा खतरे में हो सकता है। इसलिए कर्मचारी बार-बार इस (MP Old Pension Scheme) मुद्दे को उठाते हैं।
क्या थी ओल्ड पेंशन (OPS)स्कीम?
साल 2004 से पहले सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) के तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट होने के बाद एक निश्चित पेंशन देती थी। यह पेंशन कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय उनकी सैलरी पर आधारित होती थी।
इस योजना में रिटायर हुए कर्मचारी की मौत होने के बाद उनके परिजनों को भी पेंशन दी जाती थी। हालांकि, पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को 1 अप्रैल 2004 में बंद कर दिया गया था।
इस योजना को राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension Scheme) से बदल दिया गया है। जिसके बाद से कर्मचारियों द्वारा पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) लागू करने की मांग लगातार की जा रही है।
क्या है न्यू पेंशन (NPS) स्कीम?
न्यू पेंशन स्कीम (NPS) के तहत कर्मचारियों की सैलरी से 10% की कटौती की जाती है। इस योजना में GPF की सुविधा नहीं है। इसके साथ ही ये स्कीम शेयर मार्केट पर आधारित है। इसलिए कम रिटर्न की स्थिति में फंड कम भी हो सकता है।
कर्मचारियों के विरोध की यह है वजह
– ओल्ड पेंशन स्कीम तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय उनकी सैलरी की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है।
– अगर रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी (Old Age Pension) की किसी कारण से मौत हो जाती है, तो कर्मचारी की फैमिली को पेंशन की राशि दी जाती है।
– इस योजना का लाभ देने पर कर्मचारियों के वेतन से किसी भी तरह की कटौती नहीं होती है।
– ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) में रिटायरमेंट पर कर्मचारी की आखिरी बेसिक सैलरी की 50% यानी आधी राशि तक पेंशन के रूप में दी जाता है।
– इस योजना के जरिये रिटायरमेंट होने के बाद मेडिकल भत्ता और मेडिकल बिलों की रिम्बर्समेंट की सुविधा भी दी जाती है।
– इस स्कीम के तहत रिटायर्ड हुए कर्मचारी को 20 लाख तक ग्रेच्युटी की राशि दी जाती है।
अब कर्मचारी संगठन की यह है रणनीति
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने बताया कि जिस तरह विधानसभा चुनाव में प्रदेश के कर्मचारियों द्वारा ओल्ड पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को फिर से शुरू करने का मुद्दा उठाया गया था।
उसी तरह इस बार भी लोकसभा चुनाव में इस मुद्दे (Pension Yojana) को बड़े स्तर पर उठाया जा रहा है। इसको लेकर प्रदेश के कर्मचारी अपने-अपने स्तर पर आंदोलन भी कर रहे हैं।
पुरानी पेंशन स्कीम मोदी जी की गारंटी में शामिल किया जाए। ये कर्मचारी के बुढ़ापे का सहारा है। सरकार को इसे नहीं छीनना चाहिए।
सरकार को देना चाहिए योजना का लाभ
यह मांग हमारी बहुत पुरानी है। हमें इस योजना का लाभ मिलना चाहिए। सरकार कोई ऐसा तोड़ निकाले कि कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ मिल सके।