singrauli News : सरकारी दफ्तरों के अधिकारी ऐसा क्या करते है कि जिंदा इंसान को मुर्दा कर देते हैं? फिर मुर्दा खुद अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए चप्पले घिस लेता है लेकिन न्याय नहीं मिलता। ऐसा ही एम मामला मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले से समाने आया है। यहां एक मुर्दा अपने आप को जिंदा साबित करने में लगा हुआ है। मामला सिंगरौली जिले के नेवारी गांव का हैं।
जानकारी के अनुसार सिंगरौली जिले के नेवारी गांव के रहने वाले 75 वर्षीय बुजुर्ग रामू साकेत को कागजों में मृत घोषित कर दिया गया। अब वह सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटकर अपने आप को जिंदा साबित करने की गुहार लगा रहे है। सरकारी अफसरों ने उनका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया था। जब बुजुर्ग ने सरकारी योजना के तहत भूमिहीन होने के चलते भूमि मांगने की गुहार लगाई तो अधिकारियों ने बताया कि इस नाम का तो व्यक्ति तो कई साल पहले ही मर चुका है। इसके बाद बुज़ुर्ग भले ही जिंदा हो लेकिन वह अपने आप को मरा महसूस करने लगा।
कलेक्टर से बोला बुजुर्ग…
बुजुर्ग ने जिला कलेक्टर को अपने आप के जिंदा साबित करने की गुहार लगाई। बुजुर्ग ने कलेक्टर को एक प्रार्थना पत्र देते हुए कहा कि वे जिंदा हैं और कागजों में इसे दुरुस्त किया जाए। इसके बाद कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दे दिए है। कलेक्टर का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है, लापरवाही करने वाले दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी होगी।
आपको बता दें कि गांव में रामू ही नहीं बल्कि गांव के ऐसे कई लोग है जो सरकारी कागजों में मृतक घोषित किए जा चुके है। कलेक्टर की जनसुनवाई में खुरमुचा गांव की रहने वाली ज्योति शरण तिवारी ने भी आपने आप को जिंदा साबित करने के लिए डीएम से गुहार लगाने पहुंची थी। ज्योति ने कलेक्टर सहाब से कहा था कि उसे सचिव सरपंच ने कागजों में मृत घोषित कर दिया है। साहब कागजों में जिंदा करा दीजिए।