/bansal-news/media/post_attachments/PRD_BansalNews/ola-news-bhopal.webp)
हाइलाइट्स
- ओला इलेक्ट्रिक पर उपभोक्ता फोरम की सख्ती
- स्कूटर की खराबी पर कंपनी को देना होगा हर्जाना
- फोरम ने कहा- सेवा में हुई गंभीर लापरवाही
Bhopal Consumer Forum: भोपाल में उपभोक्ता फोरम ने ओला इलेक्ट्रिक कंपनी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। इलेक्ट्रिक स्कूटर में लगातार तकनीकी खामियां आने पर कंपनी को उपभोक्ता को 69 हजार रुपए हर्जाने के रूप में देने का आदेश दिया गया है। यह मामला सलैया निवासी संगीता सेन द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत से जुड़ा है।
संगीता सेन ने स्कूटर में आई खामियों को लेकर की शिकायत
भोपाल की संगीता सेन ने 29 मार्च को ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर बुक किया था। इसके लिए उन्होंने 62 हजार रुपए का डाउनपेमेंट किया और 17 अप्रैल को स्कूटर की डिलीवरी मिली। डिलीवरी के कुछ दिनों बाद ही स्कूटर में कई तरह की तकनीकी दिक्कतें आने लगीं। ब्रेक वायर, सेंसर और डिस्प्ले बार-बार खराब हो रहे थे।
[caption id="" align="alignnone" width="1112"]
ओला स्कूटर।[/caption]
शोरूम ने मरम्मत की जगह लॉक तोड़कर तार से बांधा
संगीता सेन ने स्कूटर को कोलार स्थित ओला शोरूम पर रिपेयर के लिए दिया, जहां तकनीशियन ने डिस्प्ले बदल तो दी, लेकिन उसका लॉक तोड़कर तार से बांध दिया गया। वहीं, कंपनी का दावा था कि स्कूटर एक बार फुल चार्ज होने पर 242 किलोमीटर तक चलेगा, जबकि वह सिर्फ 100 किलोमीटर ही चल पा रहा था।
उपभोक्ता फोरम ने माना सेवा में कमी
समाधान न मिलने पर संगीता ने मामला जिला उपभोक्ता फोरम में दर्ज कराया। फोरम के अध्यक्ष योगेश दत्त शुक्ला और सदस्य प्रतिभा पांडे ने मामले की सुनवाई करते हुए पाया कि कंपनी की ओर से सेवा में लापरवाही बरती गई। फोरम ने कंपनी को आदेश दिया कि वह उपभोक्ता को 62 हजार रुपए की वापसी के साथ 5 हजार रुपए मानसिक कष्ट और 2 हजार रुपए वाद व्यय के रूप में अदा करे। इस तरह कुल 69 हजार रुपए का मुआवजा तय किया गया।
[caption id="" align="alignnone" width="1329"]
ओला स्कूटर।[/caption]
ये भी पढ़ें- Bhopal News: भोपाल-विदिशा रोड धंसी, 50 मीटर का गड्ढा बना, यातायात डायवर्ट
FAQ: उपभोक्ता फोरम से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी
- उपभोक्ता फोरम में शिकायत कैसे दर्ज की जा सकती है?
उपभोक्ता फोरम (Consumer Forum) में शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया काफी सरल है। अगर किसी उपभोक्ता को किसी उत्पाद या सेवा से धोखा, लापरवाही या गुणवत्ता में कमी का सामना करना पड़े, तो वह शिकायत कर सकता है। इसके लिए, सबसे पहले उपभोक्ता को कंपनी या विक्रेता को एक लिखित नोटिस भेजना होता है, जिसमें समस्या का विवरण और समाधान की मांग हो। अगर 30 दिनों के भीतर कंपनी जवाब नहीं देती या संतोषजनक समाधान नहीं देती, तो उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज की जा सकती है। शिकायत आप स्वयं कर सकते हैं या किसी वकील की मदद से भी दाखिल की जा सकती है। अब शिकायत ऑनलाइन भी दर्ज की जा सकती है। इसके लिए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भरना होता है। शिकायत के साथ जरूरी दस्तावेज जैसे बिल, रसीद, वारंटी कार्ड, नोटिस की कॉपी आदि संलग्न करना जरूरी है।
- अगर कंपनी उपभोक्ता फोरम के आदेश को मानने से मना कर दे तो क्या होगा?
अगर कंपनी फोरम के आदेश को नहीं मानती, तो यह अवमानना (Contempt) मानी जाती है। उपभोक्ता फोरम ऐसे मामलों में कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकता है।
- फोरम जुर्माना (Fine) या जेल तक की सजा दे सकता है।
- आदेश का पालन न करने पर उपभोक्ता एग्जीक्यूशन एप्लिकेशन (Execution Petition) दाखिल कर सकता है, जिससे कंपनी को आदेश पालन के लिए मजबूर किया जा सकता है।
- आदेश के पालन न होने पर मामला उच्च फोरम में भी ले जाया जा सकता है।
- उपभोक्ता फोरम के कितने प्रकार होते हैं?
भारत में उपभोक्ता विवाद निवारण के लिए तीन स्तरों पर फोरम बनाए गए हैं-
- जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (District Commission)- जब विवाद की राशि 50 लाख रुपए तक हो।
- राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (State Commission)- जब विवाद की राशि 50 लाख से ऊपर और 2 करोड़ तक हो।
- राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (National Commission)- जब विवाद की राशि 2 करोड़ से अधिक हो या राज्य आयोग के आदेश के खिलाफ अपील करनी हो।
4. अगर जिला उपभोक्ता फोरम के आदेश को कंपनी मानने से इनकार कर दे तो क्या किया जा सकता है?
अगर जिला उपभोक्ता फोरम का आदेश कंपनी या उपभोक्ता को अस्वीकार्य लगे, तो वे राज्य आयोग (State Commission) में अपील कर सकते हैं। राज्य आयोग के निर्णय से असंतुष्ट होने पर राष्ट्रीय आयोग (National Commission) में अपील की जा सकती है। और अंत में, अगर राष्ट्रीय आयोग का निर्णय भी अस्वीकार्य लगे, तो सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) में अपील की जा सकती है।
- उपभोक्ता फोरम के तहत उपभोक्ताओं को क्या अधिकार प्राप्त हैं?
भारत के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (Consumer Protection Act, 2019) के तहत उपभोक्ताओं को कई अधिकार दिए गए हैं,
सुरक्षा का अधिकार (Right to Safety): उपभोक्ता को ऐसे सामान और सेवाओं से सुरक्षा पाने का अधिकार है जो जीवन या संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
जानकारी का अधिकार (Right to Information): उत्पाद की गुणवत्ता, मात्रा, कीमत, सामग्री और जोखिम के बारे में सही जानकारी पाने का अधिकार।
चयन का अधिकार (Right to Choose): उपभोक्ता को अपनी पसंद का उत्पाद या सेवा चुनने की स्वतंत्रता।
शिकायत का अधिकार (Right to Seek Redressal): किसी भी धोखाधड़ी, गलत विज्ञापन या खराब उत्पाद के खिलाफ शिकायत करने का अधिकार।
उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार (Right to Consumer Education): उपभोक्ता अपने अधिकारों के बारे में जागरूक रह सके, इसके लिए शिक्षा का अधिकार।
MP Train Cancel: उज्जैन स्टेशन यार्ड रिमॉडलिंग से ट्रेनों की रफ्तार थमी, 15 अक्टूबर तक कई के बदले रूट, कुछ रद्द
/bansal-news/media/post_attachments/PRD_BansalNews/railway-news.webp)
उज्जैन रेलवे स्टेशन पर यार्ड रिमॉडलिंग और नॉन-इंटरलॉकिंग (Non-Interlocking) कार्य की वजह से रेलवे यातायात पर असर पड़ा है। यह काम 15 अक्टूबर तक चलेगा, जिसके दौरान भोपाल मंडल से होकर गुजरने वाली कई ट्रेनों के रूट बदले गए हैं, कुछ ट्रेनों को रद्द किया गया है और कुछ को सीमित दूरी तक चलाया जाएगा। रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा से पहले अपनी ट्रेन की स्थिति की जानकारी नेशनल पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें।
/bansal-news/media/agency_attachments/2025/10/15/2025-10-15t102639676z-logo-bansal-640x480-sunil-shukla-2025-10-15-15-56-39.png)
Follow Us
चैनल से जुड़ें