Oct Panchak 2023: कल मां दुर्गा की विदाई हो रही है, लेकिन इसके पहले आज से पंचकों की शुरूआत हो गई है। शाम 4:4 मिनट से पंचक शुरू हो गए हैं। जो शरद पूर्णिमा पर सुबह 7:31 मिनट पर समाप्त होंगे। तो चलिए जानते हैं इस दौरान किन कामों की मनाही है।
पंचकों में देवी विर्सजन होता है शुभ
ज्योतिषायार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार वैसे किसी भी काम की शुरूआत पंचकों में सही नहीं मानी जाती, लेकिन पंचकों में देवी विसर्जन और गणेश विसर्जन शुभ माना जाता है। इस बार गणेश विसर्जन भी पंचकों में हुआ था। इसी तरह देवी विसर्जन भी गणेश में होगा। आपको बता दें पंचकों को दिन के अनुसार शुरू होने पर अलग—अलग नाम दिया गया है। इस बार के पंचक मंगलवार से शुरू हो रहे हैं।
ऐसे होती है पंचक की गिनती
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो कहने तो पंचक पांच दिन के होते हैं, लेकिन ज्योतिषीय गणना के अनुसार नक्षत्र साढ़े चार दिन के नक्षत्र होते हैं। जिनमें से घनिष्ठा नक्षत्र का आधा नक्षत्र गिना जाता है। इसके बाद चार नक्षत्र गिनकर पंचक बनते हैं।
आखिर क्या होते हैं पंचक
ज्योतिष में कुछ नक्षत्रों को अत्यंत अशुभ मानते हुए उसमें कोई भी शुभ कार्य की शुरुआत नहीं की जाती है। ज्योतिष के अनुसार धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती समेत पांच नक्षत्रों की युति अत्यंत ही अशुभ मानी जाती है।
ज्योतिष के अनुसार कुंभ और मीन राशि में चंद्रमा को गोचर पंचक कहलाता है। ऐसा माना जाता है कि पंचकों में घर के किसी सदस्य की मृत्यु होने पर परिवार को भी मृत्यु तुल्य कष्ट को भोगना पड़ता है।
कितने प्रकार का होता है पंचक
पंचांग के अनुसार यदि पंचक रविवार को पड़े तो रोग पंचक और सोमवार को पड़े तो राज पंचक कहलाता है। इसी प्रकार यदि पंचक मंगलवार को पड़े तो अग्नि पंचक और शुक्रवार को पड़े तो चोर पंचक कहलाता है। जबकि शनिवार के दिन पड़े वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है। इसके अलावा बुधवार और गुरुवार को सोमवार और मंगलवार के पंचक को माना जा सकता है।
अक्टूबर में पंचक की तिथियां
प्रथम पंचक: 23 अक्टूबर
दूसरा पंचक: 24 अक्टूबर
तीसरा पंचक: 25 अक्टूबर
चौथा पंचक: 26 अक्टूबर
पांचवा पंचक: 27 चौथा
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