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Obesity Health Risks: क्या आपने कभी सोचा है कि बढ़ता हुआ वजन केवल आपके कपड़ों का साइज बदलता है या फिर इसके पीछे कोई और गहरी वजह भी है? असलियत यह है कि मोटापा (Obesity) आपके शरीर की कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। खासतौर पर डायबिटीज (Diabetes) और हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) जैसी लाइफस्टाइल बीमारियां मोटापे से सीधा जुड़ी हुई हैं।
भारत में मोटापा अब तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्या है। यह पहले केवल शहरों तक सीमित माना जाता था, लेकिन आज गांव-गांव तक लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं। आइए विस्तार से समझते हैं कि मोटापा कैसे डायबिटीज और ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ाता है और बचाव के लिए किन बातों पर ध्यान देना जरूरी है।
भारत में मोटापा: एक बढ़ती हुई समस्या
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5, 2019-21) के अनुसार, भारत में लगभग हर चौथा पुरुष और महिला मोटापे से जूझ रहा है।
राज्यवार मोटापे की दर: 8% से 50% तक
कुल प्रभावित वयस्क: 25 करोड़ से अधिक
पेट की चर्बी से परेशान वयस्क: लगभग 35 करोड़
हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीज: करीब 21 करोड़
मोटे बच्चे: 1.44 करोड़ (चीन को छोड़कर दुनिया में सबसे ज्यादा)
ये आंकड़े बताते हैं कि मोटापा केवल एक समस्या नहीं बल्कि एक “साइलेंट महामारी” बन चुका है।
मोटापा और डायबिटीज का रिश्ता
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मोटापा और डायबिटीज का रिश्ता[/caption]
शरीर में अतिरिक्त चर्बी (Fat) जमने से कई तरह के हॉर्मोन और कैमिकल्स रिलीज होते हैं। ये इंसुलिन को कम प्रभावी बना देते हैं।
पेट का मोटापा (Abdominal Obesity) सबसे खतरनाक है, क्योंकि इससे कोशिकाओं में ग्लूकोज एब्जॉर्ब करना मुश्किल हो जाता है।
परिणामस्वरूप, ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है और टाइप-2 डायबिटीज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
मोटे बच्चों में भी डायबिटीज और मेटाबॉलिज्म संबंधी दिक्कतें तेजी से देखी जा रही हैं।
मोटापा और हाई ब्लड प्रेशर
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ज्यादा वजन होने पर हृदय को खून पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
फैट सेल्स से निकलने वाले रसायन खून की नलियों को संकीर्ण (Narrow) बना देते हैं।
खून की मात्रा बढ़ने से ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है।
लंबे समय में इससे दिल का दौरा, स्ट्रोक, किडनी फेल्योर और अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
भारत में वजन क्यों तेजी से बढ़ रहा है?
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भारत में वजन क्यों तेजी से बढ़ रहा है?[/caption]
व्यायाम की कमी – WHO के अनुसार, भारत की आधी आबादी पर्याप्त शारीरिक गतिविधि नहीं करती।
गलत खानपान – प्रोसेस्ड और जंक फूड की उपलब्धता और कम कीमतों ने समस्या को बढ़ाया है।
कोविड-19 प्रभाव – लॉकडाउन के दौरान एक्टिविटी घटने से मोटापा तेजी से बढ़ा।
शहरी जीवनशैली – पैदल चलना, श्रम और शारीरिक कार्य घट गए हैं।
मोटापे से बचाव के उपाय
संतुलित आहार लें – फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन को शामिल करें।
प्रोसेस्ड फूड से दूरी – तैलीय, मीठे और पैकेज्ड फूड कम खाएं।
नियमित व्यायाम – रोजाना तेज कदम चलना, दौड़ना, साइकिल चलाना या योग करना बेहद जरूरी है।
लाइफस्टाइल सुधारें – देर रात जागना, स्क्रीन टाइम और ओवरईटिंग से बचें।
बैरियाट्रिक सर्जरी: मोटापे का इलाज
अगर डाइट और व्यायाम से वजन कम न हो रहा हो, तो बैरियाट्रिक सर्जरी एक विकल्प है।
कब कराएं?
जब BMI 32 से अधिक हो और डायबिटीज/ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां हों।
या BMI 35 से ऊपर हो।
प्रकार: स्लीव गैस्ट्रेक्टॉमी, गैस्ट्रिक बाईपास
फायदे:
- पेट छोटा हो जाता है, भूख कम लगती है।
- ब्लड शुगर कंट्रोल में सुधार होता है।
- दवाइयों की जरूरत घट जाती है।
- रोबोटिक सर्जरी से मरीज जल्दी ठीक होते हैं और जोखिम भी कम होता है।
- सर्जरी के बाद सावधानियां
- संतुलित आहार लें और डॉक्टर की डाइट गाइडलाइन का पालन करें।
- रोजाना हल्का-फुल्का व्यायाम जरूर करें।
- पर्याप्त पानी पिएं।
- समय-समय पर मेडिकल फॉलो-अप कराएं।
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