जबलपुर। प्रदेश में फिलहाल 27% ओबीसी आराक्षण पर रोक बरकरार रहेगी। वहीं अगली सुनवाई 30 सितंबर तक के लिए टाल दी गई है। बता दें कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में सोमवार को ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण देने पर सुनवाई की गई है। हाईकोर्ट ने इस सुनवाई में ओबीसी वर्ग के 27 फीसदी आरक्षण पर अपनी रोक को बरकरार रखा है। आज सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता ने कोर्ट में पक्ष रखा था वहीं आरक्षण की मांग को लेकर कांग्रेस की तरफ से भी वकील खड़े हुए थे जिसके साछ ही वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जय सिंह भी इस बैठक में वर्चूअल मोड से शामिल हुई थी।
यह है पूरा मामला
प्रदेश में ओबीसी वर्ग की आबादी 50% होने का हवाला देते हुए ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षक देने की याचिका हाईकोर्ट में लगाई गई थी। कांग्रेस ने अपने 15 महीने के कार्यकाल में ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण देने का फैसला किया था। वहीं ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने पर आरक्षण का कुल कोटा 50% से भी अधिक हो रहा है। इसे लेकर हाईकोर्ट में अलग-अलग पक्षों ने याचिकाएं भी लगाई है। जिस पर कोर्ट की सुनवाई जारी है। रिजर्वेशन के फैसले की वजह से भर्ती प्रक्रियों में भी परेशानी हो रही थी, जिसे देखते हुए हाईकोर्ट ने सुनवाई की है, जहां ओबीसी वर्ग की भर्ती प्रक्रिया अभी 14% आरक्षण के अनुसार होगी। साथ ही कोर्ट की अगली सुनवाई 30 सितंबर को रखी गई है।
इससे पहले भी हुई थी सुनवाई
ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण देने के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट में इससे पहले भी सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से कई याचिकाओं के जवाब नहीं पेश किए गए थे। जिसपर हाईकोर्ट ने कहा था कि जब तक राज्य सरकार जवाब पेश नहीं करेगी तब तक 27% आरक्षण के फैसले पर रोक बरकरार रहेगी।