MP OBC Reservation: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के राज्य शासन के फैसले को चुनौती दी गई थी। दरअसल, प्रदेश के 26 अगस्त 2021 को तत्कालीन महाधिवक्ता के अभिमत के चलते सामान्य प्रशासन विभाग ने 2 सितंबर 2021 को एक परिपत्र जारी कर ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण की अनुमति प्रदान की थी। इस परिपत्र में तीन विषयों को छोड़कर शेष में 27 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया था।
हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार
परिपत्र में नीट पीजी प्रवेश परीक्षा 2019-20, पीएससी द्वारा मेडिकल ऑफिसर भर्ती 2020 और हाईस्कूल शिक्षक भर्ती में 5 विषय शामिल थे। हालांकि इस मामले में हाईकोर्ट ने 4 अगस्त 2023 को अंतरिम आदेश के तहत जीएडी के उक्त परिपत्र पर रोक लगा दी थी। इसका अर्थ ये था कि सभी नियुक्तियों में ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। अब विधिवेत्ताओं का कहना है कि चूंकि जिस याचिका में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने पर रोक लगा दी गई थी, जो निरस्त हो गई है, इसलिए स्टे भी स्वमेव समाप्त हो गया है। इस मामले में हाईकोर्ट का विस्तृत आदेश फिलहाल प्रतीक्षारत है।
यूथ फॉर इक्वालिटी संस्था ने लगाई थी याचिका
यह याचिका सागर की यूथ फॉर इक्वालिटी संस्था की ओर से दायर की गई थी। याचिका में दलील दी गई थी कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी भी स्थिति में कुल आरक्षण 50 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए। ऐसे में जीएडी के उक्त परिपत्र के कारण प्रदेश में आरक्षण 50 फीसदी से अधिक हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं मामले
गौरतलब है कि आशिति दुबे ने मेडिकल से जुड़े मामले में ओबीसी आरक्षण को पहली बार चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने 19 मार्च 2019 को ओबीसी के लिए बढ़े हुए 13 प्रतिशत फीसदी पर रोक लगाई थी। इसी अंतरिम आदेश के तहत बाद में कई अन्य नियुक्तियों में भी रोक लगाई गई थी। यह याचिका 2 सितंबर 2024 को हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर हो गई। इसी तहर राज्य शासन ने ओबीसी आरक्षण से जुड़ी करीब 70 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करा ली हैं, जिन पर फैसला आना बाकी है।
OBC को 27 फीसदी आरक्षण देने का रास्ता साफ
ओबीसी के विशेष अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर का कहना है कि उक्त याचिका के निरस्त होने से प्रदेश में कुछ मामलों को छोड़कर शेष में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि अब यह सरकार पर है कि उक्त फैसले के बाद आगे क्या रुख अपनाती है। वहीं, इस मामले में शासकीय अधिवक्ता अभी कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं।
सौरभ शर्मा का साथी चेतन गौर और शरद जायसवाल भी गिरफ्तार: पूछताछ के बाद 24 घंटे में होगा कोर्ट में पेश
लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ शर्मा की निशानदेही पर उसके साथी चेतन गौर को गिरफ्तार कर लिया। चेतन को अरेरा कॉलोनी से हिरासत में लिया गया। यह गिरफ्तारी एक बड़ी कार्रवाई के तहत की गई। इसके बाद इनपुट मिलने पर शरद जायसवाल को भी लोकायुक्त की टीम ने हिरासत में ले लिया। बता दें आज ही दोपहर में सौरभ शर्मा ने भी सरेंडर किया था। सौरभ शर्मा केस में पुछताछ के बाद और भी खुलासे हो सकते हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें…