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हे प्रभु आनंददाता: कौन शोक से मुक्त, कौन प्रसन्न है, व्यक्ति भीतर से रहता है व्यथित?

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Bansal news
हे प्रभु आनंददाता: कौन शोक से मुक्त, कौन प्रसन्न है, व्यक्ति भीतर से रहता है व्यथित?

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