BHOPAL: पूरे देश में हो रहे विरोध प्रदर्शन और हिंसा में हाथों में एक नाम की तख्तियां दिखाई दे रही है।और वो नाम है नूपुर शर्मा(Nupur Sharma)।आज हम इस खास रिपोर्ट में बताएंगे कि कौन हैं नूपुर शर्मा(Nupur Sharma) और उनका राजनीतिक सफर शून्य से शिखर तक का।इससे पहले जान लीजिए नूपुर शर्मा(Nupur Sharma) एक जानी-मानी नेता और वकील हैं।
कौन हैं नूपुर शर्मा?
नुपूर शर्मा का जन्म देश की राजधानी दिल्ली में हुआ है।और उनकी पढ़ाई भी दिल्ली के प्रशिद्ध हिंदू कॉलेज से हुई जहां मनमोहन सिंह कपिल शर्मा जैसे प्रशिद्ध लोगों ने पढ़ाई की है।इसके बाद नूपुर ने लॉ फैक्लटी कॉलेज से वकालत की पढ़ाई पूरी की। अ
Nupur Sharma
पनी आंगे की पढ़ाई करने के लिए नूपुर(Nupur Sharma) ने विदेश का रुख करते हुए 2011 में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (एलएसई) से एलएलएम पूरा किया।बता दें नूपुर जब दिल्ली में थीं तभी कॉलेज में ही राजनीति में सक्रिय हो गईं थीं। उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, उन्होंने जुलाई 2009 से जून 2010 तक टीच फॉर इंडिया के लिए एक राजदूत के रूप में भी काम किया।
कैसा शुरू हुआ राजनीतिक सफर
तेज-तर्रार वक्ता नूपूर शर्मा(Nupur Sharma) कॉलेज की राजनीति में छा रहीं थीं। 2008 में उनकी इस प्रतिभा से प्रभावित होकर उन्हें ऑस्ट्रेलिया-भारत युवा संवाद के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) के अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया।बस फिर क्या था इसके बाद नूपुर बढ़ गईं बाद में उन्होंने भाजपा के यंग विंग के साथ काम किया। वह पार्टी के दिग्गज नेता अरविंद प्रधान, अरुण जेटली और अमित शाह के साथ भी काम कर चुकी हैं।2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में में सिर्फ 30 साल की उम्र में, वो सीधा अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए भिड़ गईं इतने बड़े नेता से नूपुर महज 31 हजार वोटो से हार गईं।भले ही वो चुनाव नहीं जीत सकीं लेकिन उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति में अलग पहचान बना ली।
साल 2020 में बनीं भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता
कुछ समय बाद नूपुर(Nupur Sharma) को एक्टर और नेता मनोज तिवारी के नेतृत्व में भाजपा की दिल्ली यूनिट के आधिकारिक प्रवक्ता के रूप में जिम्मेदारी दी गई।अब नूपुर की किस्मत तब चमकी जब 2020 में उन्हें जे.पी. नड्डा की अध्यक्षता में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया था।और इसका कारण था नूपुर का हिंदी और अंग्रेजी दोनो में मजबूत पकड़। उनके मजबूत बैकग्राउंड, नेशनल मुद्दों के अच्छे ज्ञान और कौशल को देखकर उन्हें लगभग हर टीवी डिबेट्स के लिए भेजा जाने लगा। बीजेपी लीडर्स के मुताबिक, उन्हें शुरू से ऊर्जावान और तेजतर्रार नेता के रूप में देखा जाता था।
जानिए कैसे शुरू हुआ विवाद?
विवाद वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर हो रही एक टीवी बहस के दौरान नुपुर द्वारा की गई टिप्पणी पर शुरू हुआ है। 27 मई को बहस के दौरान भाजपा के प्रवक्ता के तौर पर नुपुर(Nupur Sharma) ने आरोप लगाया कि कुछ लोग हिंदू आस्था का लगातार मजाक उड़ा रहे हैं। अगर यही है तो वह भी दूसरे धर्मों का मजाक उड़ा सकती हैं। नुपुर ने इसी दौरान कुरान का जिक्र कर मोहम्मद साहब पर टिप्पणी की। जिसपर विवाद शुरू हो गया।नुपुर का वीडियो वायरल होने के बाद पांच जून को भाजपा ने नुपुर शर्मा को पार्टी के सभी पदों से हटाते हुए प्राथमिक सदस्यता से भी निलंबित कर दिया। नुपुर के खिलाफ अलग-अलग जगहों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। वहीं, नुपुर को मिल रहीं धमकियों को लेकर दिल्ली पुलिस ने भी एक मामला दर्ज किया है। दिल्ली पुलिस ने उन्हें सुरक्षा भी प्रदान की है।
इसके बाद नूपुर के खिलाफ अरब देशों ने मोर्चा खोल दिया नूपुर के खिलाफ पूरे देश में खास समुदाय के लोग प्रदर्शने कर रहे हैं।उनको जान से मारने की धमकी मिल रही है।आखिर भारतीय लोकतंत्र में इतनी असहिष्णुता कैसे…उनके चाहने वाले दिन-रात सरकार से उनकी सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।लोग तरह-तरह की चिंताए जता रहे हैं और नूपुर अपनी जगह पर खड़ी हैं..
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