मॉस्को। (भाषा) राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने ताजिकिस्तान में एससीओ सम्मेलन के इतर रूस के अपने समकक्ष निकोलाई पात्रुशेव से मुलाकात की और उन्होंने सुरक्षा क्षेत्र तथा सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेसिंयो के बीच सहयोग पर रूस-भारत संवाद के लिए योजनाओं पर चर्चा की। रूस की समाचार एजेंसी तास ने मंगलवार को खबर दी कि दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में पैदा हो रही स्थिति पर अपने विचार भी साझा किए। डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुखों के शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भाग लेने के लिए ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में हैं।
On the sidelines of the SCO (Shanghai Cooperation Organisation) NSAs' meeting in Dushanbe, Tajikistan, NSA Ajit Doval had a long meeting with Russian NSA Nikolai Patrushev. They discussed contemporary developments of bilateral, regional, and global significance. pic.twitter.com/U084WGBju7
— ANI (@ANI) June 24, 2021
खबर में पात्रुशेव के कार्यालय के हवाले से कहा गया है कि रूस की सुरक्षा परिषद के सचिव पात्रुशेव और डोभाल ने सुरक्षा क्षेत्र, सुरक्षा तथा कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सहयोग पर रूस-भारत संवाद की आगे की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। एससीओ का मौजूदा अध्यक्ष ताजिकिस्तान 23 जून और 24 जून की आठ सदस्यीय देशों के समूह के शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों की बैठक की मेजबानी कर रहा है। रूस के सुरक्षा परिषद कार्यालय की प्रेस सेवा के अनुसार, बुधवार को एससीओ के सचिवों की वार्षिक बैठक कोविड-19 महामारी के बाद की स्थिति पर केंद्रित रही।
At SCO NSA's meeting NSA Ajit Doval proposed action plan against LeT and JeM as part of SCO framework. Emphasised adoption of international standards to counter terror financing including an MOU between SCO and FATF: Sources pic.twitter.com/EPuMhEGuXF
— ANI (@ANI) June 24, 2021
प्रेस सेवा ने एक बयान में कहा, ‘‘इस पर जोर दिया गया कि कोरोना वायरस संक्रमण के सामाजिक और आर्थिक परिणाम आतंकवाद, चरमपंथ, मादक पदार्थों के धंधे और संगठित अपराध के खतरों को बढ़ा सकते हैं।’’ बीजिंग स्थित एससीओ आठ सदस्यीय आर्थिक और सुरक्षा समूह है तथा यह सबसे बड़े परा-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक बनकर उभरा है। भारत और पाकिस्तान 2017 में इसके सदस्य बने थे। रूस, चीन और चार मध्य एशियाई देशों किर्गिस्तान, कजाकस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने 2001 में शंघाई में इस सम्मेलन की स्थापना की थी। भारत ने एससीओ और उसके क्षेत्रीय आतंकवाद रोधी ढांचे (आरएटीएस) के साथ सुरक्षा संबंधी सहयोग बढ़ाने में दिलचस्पी दिखाई है जो खासतौर से सुरक्षा तथा रक्षा से जुड़े मामलों से निपटती है।
At SCO NSAs meet, NSA Doval spoke of greater connectivity including via initiatives like Chahbahar, INSTC, Regional Air Corridors, Ashgabat Agreement that always leads to economic gains & building trust. However connectivity must respect sovereignty&territorial integrity: Sources pic.twitter.com/U3G4Jqo3qv
— ANI (@ANI) June 24, 2021