NPS vs UPS Pension Scheme: रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा हर व्यक्ति की प्राथमिकता होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने दो प्रमुख पेंशन योजनाएँ पेश की हैं- नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS)। इनमें से NPS पहले से मौजूद एक मार्केट-लिंक्ड स्कीम है, जबकि UPS एक नई पेंशन योजना है, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होने जा रही है।
यहाँ हम आपको इन दोनों (NPS vs UPS) योजनाओं के फायदे, निवेश विकल्प, रिटर्न, टैक्स बेनिफिट्स और रिस्क फैक्टर्स के आधार पर विस्तार से बताएंगे कि आपके लिए कौन-सी स्कीम बेहतर साबित हो सकती है।
NPS: हाई रिटर्न के साथ मार्केट रिस्क
NPS एक मार्केट-लिंक्ड निवेश योजना है, जिसे पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इस स्कीम में दो तरह के अकाउंट होते हैं—टियर 1 और टियर 2।
1. एनपीएस के प्रमुख लाभ
- लॉन्ग-टर्म हाई रिटर्न: निवेशकों को इक्विटी और डेट फंड का मिश्रण मिलता है, जिससे लंबे समय में बेहतर रिटर्न प्राप्त होता है।
- 60% तक टैक्स-फ्री लंप सम निकासी: रिटायरमेंट के बाद 60% रकम एकमुश्त निकाल सकते हैं, जो टैक्स-फ्री होती है।
- 40% एन्युटी में निवेश: इस हिस्से को निवेशक एक पेंशन प्लान में डाल सकते हैं, जिससे उन्हें हर महीने पेंशन मिलती है।
- टैक्स छूट: एनपीएस के तहत धारा 80C और 80CCD(1B) के तहत ₹2 लाख तक की टैक्स छूट मिलती है।
2. कैसे मिलेगी ₹1 लाख मंथली पेंशन?
अगर कोई व्यक्ति 40 साल की उम्र से हर महीने ₹20,000 NPS में निवेश करता है और हर साल 10% की वृद्धि करता है, तो 60 साल की उम्र तक उसका कुल फंड ₹3.23 करोड़ हो जाएगा।
इस पर मिलने वाले अनुमानित रिटर्न 10% के आधार पर:
- लंप सम निकासी: ₹1.62 करोड़
- एन्युटी निवेश: ₹1.62 करोड़ (55% हिस्सा)
- एन्युटी रेट: 8%
- मंथली पेंशन: ₹1 लाख
UPS: गारंटीड पेंशन के साथ स्टेबल इनकम
UPS, 1 अप्रैल 2025 से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए पेश की गई नई पेंशन योजना है। इस स्कीम में स्टॉक मार्केट और डेट मार्केट के उतार-चढ़ाव का असर नहीं होगा, जिससे यह एक सुरक्षित विकल्प बन जाता है।
1. UPS के प्रमुख लाभ
न्यूनतम ₹10,000 पेंशन की गारंटी: किसी भी स्थिति में ₹10,000 से कम की पेंशन नहीं मिलेगी।
फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटी: स्टॉक मार्केट के उतार-चढ़ाव का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
इन्फ्लेशन लिंक्ड पेंशन: महंगाई के आधार पर समय-समय पर पेंशन बढ़ेगी।
फैमिली पेंशन: कर्मचारी के निधन के बाद भी परिवार को पेंशन मिलेगी।
ग्रेच्युटी का लाभ: रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का भुगतान होगा।
2. UPS में पेंशन कैसे कैलकुलेट होगी?
UPS में पेंशन कैलकुलेशन एक तय फॉर्मूले के आधार पर होगा:
पेंशन = (12 महीने के बेसिक पे का कुल योग ÷ 12) × 50%
अगर किसी कर्मचारी की सर्विस 25 साल से अधिक है, तो पेंशन कुछ इस तरह होगी:
- एवरेज बेसिक पे: ₹1,00,000
- 50% पेआउट: ₹50,000 प्रति माह पेंशन
अगर सर्विस 25 साल से कम है (जैसे 20 साल), तो पेंशन इसी फॉर्मूले से प्रो-राटा के आधार पर कम हो जाएगी।
उदाहरण:
- 20 साल की सर्विस पर पेंशन: ₹40,000 प्रति माह
- 15,000 बेसिक पे पर न्यूनतम गारंटीड पेंशन: ₹10,000
NPS vs UPS: कौन-सी योजना आपके लिए बेहतर?
फीचर | NPS | UPS |
---|---|---|
रिटर्न का प्रकार | मार्केट-लिंक्ड | गारंटीड इनकम |
मंथली पेंशन | एन्युटी के आधार पर | फिक्स्ड पेआउट |
लंप सम निकासी | 60% तक टैक्स-फ्री | उपलब्ध नहीं |
पेंशन में बढ़ोतरी | मार्केट पर निर्भर | महंगाई के अनुसार बढ़ोतरी |
टैक्स छूट | 80C और 80CCD(1B) के तहत ₹2 लाख तक | केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए |
फैमिली पेंशन | ऑप्शनल (एन्युटी डिपेंडेंट) | गारंटीड |
रिस्क फैक्टर | हाई (मार्केट रिस्क) | लो (गवर्नमेंट बैक्ड) |
किसके लिए बेहतर? | हाई रिटर्न चाहने वाले | फिक्स्ड पेंशन चाहने वाले |
कौन-सी योजना आपके लिए सही है?
- अगर आप मार्केट से जुड़े हाई रिटर्न चाहते हैं और जोखिम लेने को तैयार हैं, तो NPS आपके लिए बेहतर विकल्प है।
- अगर आप गारंटीड पेंशन और फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटी चाहते हैं, तो UPS आपके लिए उपयुक्त है।
- सरकारी कर्मचारियों के लिए UPS एक अच्छा विकल्प है, लेकिन एक बार UPS चुनने के बाद वे NPS में वापस नहीं जा सकते।
योजना का चयन करने से पहले अपने फाइनेंशियल गोल्स, रिस्क अपेटाइट और निवेश क्षमताओं को ध्यान में रखें।
सही पेंशन योजना चुनकर बनाएँ वित्तीय सुरक्षा
NPS और UPS दोनों योजनाएँ रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती हैं, लेकिन UPS गारंटीड पेंशन के साथ अधिक सुरक्षित है, जबकि NPS में हाई रिटर्न की संभावना रहती है। अगर आप हाई रिटर्न चाहते हैं और लॉन्ग-टर्म निवेश के लिए तैयार हैं, तो NPS एक शानदार विकल्प हो सकता है। वहीं, अगर आप फिक्स्ड इनकम और सुरक्षित पेंशन चाहते हैं, तो UPS आपके लिए सही रहेगा।
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