नई दिल्ली। (भाषा) रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) ने मंगलवार को कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) सितंबर से अपने संयंत्रों में स्पुतनिक वैक्सीन का उत्पादन शुरू करेगा। आरडीआईएफ ने एक बयान में कहा, ‘‘एसआईआई के संयंत्रों में स्पुतनिक वैक्सीन के पहले बैच के सितंबर में तैयार होने की उम्मीद है।’’ बयान में कहा गया कि भारत में विभिन्न पक्ष हर साल स्पुतनिक-वी वैक्सीन की 30 करोड़ से अधिक खुराक का उत्पादन करना चाहते हैं। आरडीआईएफ ने कहा, ‘‘तकनीकी हस्तांतरण की प्रक्रिया के तहत एसआईआई को गमलेया सेंटर से सेल और वेक्टर नमूने पहले ही मिल चुके हैं। भारतीय दवा महानियंत्रक (डीसीजीआई) द्वारा इनके आयात की मंजूरी मिलने के साथ कल्टीवेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।’
Serum Institute of India (SII) will commence production of Sputnik V in September. Some other manufactures are also ready to produce this vaccine in India: Kirill Dmitriev, CEO, Russian Direct Investment Fund pic.twitter.com/XDkh1C0Uwg
— ANI (@ANI) July 13, 2021
भारत में अब तक 3 वैक्सीन को मंजूरी, जानिए तीनों में फर्क
1. कोवैक्सिन
इसे पारंपरिक इनएक्टिवेटेड प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है। यानी इसमें डेड वायरस को शरीर में डाला जाता है। इससे एंटीबॉडी रिस्पॉन्स होता है और शरीर वायरस को पहचानने और उससे लड़ने लायक एंटीबॉडी बनाता है।
2. कोवीशील्ड
यह वायरल वेक्टर वैक्सीन है। इसमें चिम्पैंजी में पाए जाने वाले एडेनोवायरस ChAD0x1 का इस्तेमाल कर उससे कोरोना वायरस जैसा ही स्पाइक प्रोटीन बनाया गया है। यह शरीर में जाकर इसके खिलाफ प्रोटेक्शन विकसित करता है।
3. स्पुतनिक V
यह भी एक वायरल वेक्टर वैक्सीन है। अंतर यह है कि इसे एक की बजाय दो वायरस से बनाया गया है। इसमें दोनों डोज अलग-अलग होते हैं, जबकि कोवैक्सिन और कोवीशील्ड के दो डोज में अंतर नहीं है।