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Mount Kailash: भगवान शिव का घर माने जाने वाले कैलाश पर्वत के दर्शन अब भारत से ही हो सकेंगे। इसके लिए अब चीन के कब्जे वाले तिब्बत जाने की जरूरत नहीं होगी। बता दें कि नए दर्शन मार्ग को स्थानीय ग्रामीणों ने तलाशा है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की 18 हजार फीट ऊंची लिपुलेख पहाड़ियों से कैलाश पर्वत साफ दिखाई देता है। यहां से पर्वत की हवाई दूरी 50 किलोमीटर है।
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ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची अफसरों और विशेषज्ञों की टीम ने रोड मैप, लोगों के ठहरने की व्यवस्था, दर्शन के पॉइंट तक जाने का रूट सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए सर्वे किया। वे अपनी रिपोर्ट पर्यटन मंत्रालय को सौंपेंगे। इसके बाद इस नए दर्शन पॉइंट पर काम शुरू हो जाएगा।
बता दें कि 2019 के बाद से कैलाश मानसरोवर यात्रा बंद है। पहले कोरोना के कारण, फिर भारी बर्फबारी की वजह से यात्रा रोक दी गई। बता दें कि कैलाश यात्रा 3 अलग-अलग राजमार्ग से होती है। पहला- लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड), दूसरा- नाथू दर्रा (सिक्किम) और तीसरा- काठमांडू। इन तीनों रास्तों पर कम से कम 14 और अधिकतम 21 दिन का समय लगता है। 2019 में 31 हजार भारतीय कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गए थे।
कैलाश पर्वत बेहद रहस्यमय माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यहां भगवान शिव का वास माना जाता है। कैलाश पर्वत तिब्बत में हिमालय के उत्तरी क्षेत्र में स्थित है। यह पर्वत चीन की सीमा के अंदर आता है।
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