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Death Indications : मौत आने का 11 महीने पहले ही लग जाता है पता ! सपना ही नहीं ये चीजें भी देती हैं संकेत

Death Indications : जो आया है उसे जाना जरूर है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मौत भी एक आनंद है ? ये पढ़कर आपको थोड़ा अटपटा जरूर लगेगा...

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Gourav Sharma
Death Indications : मौत आने का 11 महीने पहले ही लग जाता है पता ! सपना ही नहीं ये चीजें भी देती हैं संकेत

Death Indications : जो आया है उसे जाना जरूर है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मौत भी एक आनंद है ? ये पढ़कर आपको थोड़ा अटपटा जरूर लगेगा, क्योंकि यहां बात मौत/मृत्यु की हो रही है. यहां हम बात कर रहे हैं कि काल आखिर कैसे मौत से पहले किसी व्यक्ति को सूचित कर देता है ? कि साहब ! आइए अब चलने का समय हो गया है... ध्यान दें कि, ये एक आध्यात्मिक चिंतन है जिसे बंसल न्यूज़ के खास कार्यक्रम हे प्रभु ! आनंददाता में पंडित डॉ सुरेंद्र बिहारी गोस्वामी के साथ चर्चा से लिया गया है. (Death Indications before 11 month) हमारा उद्देश्य है कि चिंता दूर हो और चिंतन की धारा में सभी आगे बढ़ें. तो आइए आगे बढ़ते हैं.

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मौत को समझने से पहले काल को समझना जरूरी है. काल के दो अर्थ होते हैं एक समय और मृत्यु यानि मौत. काला​वधि या समयावधि बीत जाने के बाद वहां समय की मौत हो जाती है. जैसे किसी थियेटर में फिल्म खत्म होने पर आखिर में The End लिखा आ जाता है, इससे ये पता चलता है कि फिल्म का समय खत्म हो गया है. कुछ इसी प्रकार मौत भी संकेत देती है. देखें पूरा कार्यक्रम -

मृत्यु बड़े सम्मान से लेने आती है - मृत्यु के देवता को धर्मराज कहा जाता है. वहीं आत्मा एक ईश्वर का अंश है जिसके कारण जब भी किसी को मौत आती है तो वो बहुत मिठास के साथ आती है. बहुत मधुरता से आती है. यानि मृत्यु बड़े सम्मान से शरीर से आत्मा को लेने आती है.

मौत कैसे भेजती है चिट्ठी ! ये चीजें दिखें तो समझ लें मौत पास है ! - दशरथ जी ने अपने कान के बाल सफेद होने के बाद ही समझ लिया था कि अब वो अधेड़ हो चुके हैं और मौत निकट आ चुकी है. इसीलिए उन्होने श्रीराम को राज्य देने की घोषणा की थी.

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  • यदि सपने में किसी कुम्हार की मिट्टी की दलदल में फसे हैं और धंसते चले जा रहे हैं तो 10 से 11 महिने में उस व्यक्ति की मौत हो जाती है.
  • माना जाता है कि जैसी ही किसी के दांत टूटने लगें तो तीन चौथाई मौत के निकट वो आ चुके हैं. यानि मृत्यु ने चिट्ठी भेजना शुरू कर दिया है.
  • कान में ओम की ध्वनि हमेशा बजती रहती है. इसका पता आप दोनों उंगलियों से कान को बंद करके महसूस कर सकते हैं. अगर ये अंतर ध्वनि किसी भी व्यक्ति को सुनाई देना बंद कर दे तो समझ ​लीजिए कि 7 दिनों में उसकी मौत हो जाएगी.
  • किसी व्यक्ति के सहज रसायन को शुष्क देखें तो 90 दिन में मौत हो संभवन हो सकती है. सरल भाषा में देखें तो सामान्य तौर पर व्यक्ति के चेहरे पर ओझ होता है. लेकिन यदि ये ओझ घटता जाए तो ये मौत के पास होने के संकेत होते हैं.
  • शरीर के जरिए ही किसी व्यक्ति की मौत पास होने का अनुमान लगाया जा सकता है. कुछ इसी तरह यदि किसी व्यक्ति की नाक थोड़ी टेढ़ी दिखने लगे तो उसकी मौत पास होने के संकेत मिलते हैं.

जब भगवान विष्णु और श्रीराम के पास मृत्यु के देवता आए - जब श्रीराम अपने देवत्व की सभी प्रक्रियाएं / लीला समाप्त कर चुके थे तो स्वयं मृत्यु के देवता धर्मराज का उनके पास आगमन हुआ. उन्होने प्रणाम करते हुए श्रीराम की कालावधि पूरी होने की बात कही. यानि उनका काल पूर्ण हो चुका था. इसी तरह श्रीकृष्ण से मिलने के लिए धर्मराज का आगमन हुआ था. यानि उनकी लीला का समय पूर्ण होने पर पर उनके पास भी काल आया था.

क्या होती है अकाल मृत्यु? - परमात्मा नहीं बलकी काल चक्र, किसी घटना को तय करता है. काल यदि किसी व्यक्ति के अनुसार नहीं आया तो उसे अकाल मृत्यु कहा जाता है. हालांकि भय त्याग कर जीवन जीने पर कभी भी किसी को मौत का डर नहीं सताता. मौत शरीर को आनी है किसी व्यक्ति की आत्मा को नहीं. मृत्यु वो प्रियसी है जिसे यदि बोला जाए कि 'आ मेरे गले लग जा...' तो वो उसे पुरूषार्थी मानकर दूर से ही प्रणाम करते हुए अपना आशीर्वाद देती है. इसीलिए मृत्यु भय नहीं है, मृत्यु आनंद है.

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