आगरा। इस बार बारिश के सीजन में दिल्ली की बाढ़ चर्चा का विषय बनी हुई है। दिल्ली में यमुना पानी कई दिनों तक खतरें के निशान के ऊपर बह रहा था। यमुना का पानी लाल किले तक पहुंच गया था। साथ ही लोगों को भी इस दौरान बाढ़ की वजह से कॉफी परेशानी झेलनी पड़ी।
बता दें कि इस बार तो यमुना का पानी आगरा के ताजमहल की दीवार तक पहुंच गया। यह घटना सालों बाद हुई है। यमुना का पानी लगातार बढ़ने लोगों से के बीच ऐसी भी चर्चा है कि यमुना का पानी ताजमहल में घुस सकता है। क्या ऐसा सच में हो सकता और इससे ताजमहल को क्या भी समस्या हो सकती है आइए जानते हैं इन सावालों के जवाब इस रिपोर्ट में।
ताजमहल में यमुना का पानी जाएगा तो क्या होगा जब इस मामले पर हमने एक्सपर्ट की राय जानी तो उन्होंने कहा कि इससे ताजमहल पर कोई फर्फ नहीं पड़ेगा। न ही महल के अंदर पानी दाखिल हो सकता है। तो ऐसा क्या है ताजमहल में जिससे बाहरी पानी महल के अंदर नहीं जा सकता है।
साल 1978 में पहुंचा था ताज तक पानी
इस मामले से सभी वाकिफ से है कि की यमुना का पानी ताजमहल की दीवार तक नहीं पहुंचता है। बता दें यह सालों बाद ऐसा हुआ है जब यमुना का पानी ताजमहल की दीवार तक जा पहुंचा है। अभी इसकी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। तस्वीरों में पानी ताजमहल के गार्डन तक पहुंच गया है। बावजूद इसके ताजमहल को फिलहाल कोई खतरा नहीं है। आज से पहले सन 1978 में ऐसा हुआ था जब पानी ताजमहल की दीवार के पास तक पहुंचा था।
ताममहज को खास तरीके से किया गाय डिजाइन
बता दें कि ताजमहल यूनेस्को विश्व धरोहर की देखरेख करने वाले भारती पुरातत्व सर्वेक्षण का कहना है कि पानी से बढ़ने से ताजमहल को कोई खतरा नहीं है। एएसआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अग्रेजीं अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि इस बात की कोई भी संभावना नहीं है कि बाढ़ का पानी स्मारक में प्रवेश करेगा। इस इमारत को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इससे कोई खतरा नहीं है। अधिकारी का कहना है कि अगर तेज बाढ़ भी आ जाए तो मकबरे में पानी प्रवेश नहीं कर सकता है।
ताजमहल की नींव में मौजूद लकड़ियां
साथ ही ताजमहल की एक बात और है इसका मुख्य मकबरा ऊंचे स्तर पर बना है। बताया जाता है यह चमेली फर्श पर खड़ा है साथ ही महल की नींव में 42 कुएं भी है। कुओं के ऊपर लकड़ियों की संरचना मोजूद है। ताजमहल की नींव पर जो लकड़ियां है उनको पानी से ऑक्सीजन प्राप्त होती है। इससे ताजमहल की मजबूती बढ़ती है वहीं जब पानी कम होता है तो फिर यह बात ताजमहल के लिए चिंता का विषय होती है।
तो अब हम इस बात से समझ सकते है कि चाहे बाढ़ ही क्यों आ जाए तो भी ताजमहल को पानी से खतरा नहीं होगा। यमुना का पानी कितना भी बढ़ जाए वह महल में घुस ही नहीं सकता है। फिलहाल यमुना 498 फीट के स्तर पर बह रही है। यमुना का निम्न स्तर 495 फीट है वहीं इसका उच्चतम स्तर 499 फीट है। माना जा रहा है बाढ़ का पानी और बढ़ेगा और जलस्तर 500 फीट तक पहुंच सकता है।
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