“No Cost EMI” Closure: आजकल ऑनलाइन शॉपिंग ऐप पर “No Cost EMI” की मदद से महंगी शॉपिंग करना असान हो गया हैं।
हर व्यक्ति महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स जैसे IPhone ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट पर “No Cost EMI” पर खरीददारी करता है।
लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया अब पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल को लेकर नियम कड़क करने जा रहा है।
जोखिम भरें हैं 10 हज़ार से काम के लोन
आजकल पर्सनल और छोटे लोन लेना किसी सामान्य वस्तु लेने के सामान हो गया है। लोग पैसो की कमी होने के बाद भी “Buy Now Pay Later” ऑप्शन के जरिये लोन लेकर खरीदारी कर लेते हैं।
इसके साथ ही बैंक भी 10,000 या उससे कम के लोन को कॉम्प्टीशन में खूब बढ़-चढ़ कर बांट रहे हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने इन छोटे लोन्स को बिजनेस के लिए काफी जोखिम भरा बताया है।
एनपीए में न बदलें छोटे लोन
आरबीआई द्वारा बैंकों द्वारा 10,000 या उससे कम के लोन को एनपीए यानि नॉन-परफॉर्मिंग एसेट में बदलने से रोकने के लिए बेहतर रिस्क मैनेजमेंट के दिशानिर्देश दिए गए हैं।
आरबीआई का कहना है कि नॉन-परफॉर्मिंग एसेट की रिस्क को कम करने के लिए बैंकों को पहले से ज्यादा राशि अलग से अपनी बैलेंसशीट में रखनी होगी।
जिस तरह बैंक एनपीए के लिए अलग से राशि रखतें हैं, अब उन्हें इस तरह के लोन के लिए भी वैसा ही करना होगा।
RBI ने बताई यह वजह
RBI का मानना है कि छोटी-छोटी राशि के लोन से भी देश के फाइनेंशियल सिस्टम में रिस्क बढ़ने का डर हो सकता है,क्योंकि ये सभी लोन सुरक्षित नहीं होते हैं।
इस वजह से बैंक और फाइनेंस कंपनियों के लिए इस तरह के लोन देना महंगा हो जाएगा। जिससे बैंक और फाइनेंसियल कंपनियां आसानी से इस प्रकार के लोन देना काम करेंगी।
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