पटना। Patna News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दलों में गहराती दरार के संकेतों के बीच जनता दल (यूनाइटेड) प्रमुख के भाजपा के साथ गठबंधन में लौटने की संभावना जताई जा रही है।
राजनीति में परिवारवाद को बढ़ावा देने वाली पार्टियों पर जद(यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार के कटाक्ष के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में ‘‘हवा की दिशा बदलने के साथ अपनी विचारधारा बदलने’’ के लिए कुमार पर तंज कसा था।
राजनीति में गहमागहमी का माहौल
इसके बाद से बिहार की राजनीति में गहमागहमी देखी जा रही है। बिहार के एक भाजपा नेता ने कहा कि पार्टी अपनी भविष्य की राजनीतिक अनिवार्यताओं को ध्यान में रखकर कदम उठाएगी, न कि अतीत की कड़वाहट से। हालांकि, उन्होंने कहा कि (गठबंधन के संबंध में) कोई भी निर्णय पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा। भाजपा नीतीश कुमार को अपने पाले में करने की इच्छुक दिख रही है।
गृह मंत्री शाह ने दिए थे संकेत
कुमार सत्ता में बरकरार रहते हुए कभी भाजपा, तो कभी राजद-कांग्रेस-वाम गठबंधन में शामिल होते रहे हैं। खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल में एक साक्षात्कार में कुमार के भाजपा खेमे के साथ जुड़ने की संभावना के संकेत दिए थे। जनता दल (यू) अध्यक्ष की भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में वापसी की संभावना के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा था कि अगर ऐसा कोई प्रस्ताव कभी आया तो पार्टी इस पर विचार करेगी।
इंडिया गठबंधन से नाराज हैं नीतीश
इससे पहले, शाह ने अक्सर कहते रहे थे कि देश के सत्तारूढ़ गठबंधन में कुमार की वापसी के लिए दरवाजे बंद हो गए हैं। सूत्रों ने कहा कि बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर बरकरार रहने वाले कुमार को उनके राजनीतिक कद के अनुरूप विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) में स्थान नहीं मिलने के कारण जद (यू) नेता नाखुश बताए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कुमार लोकसभा चुनाव के साथ शीघ्र विधानसभा चुनाव कराने के भी पक्षधर हैं, लेकिन इस सुझाव पर राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राजद की तरफ से सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।