Toll Tax: देश में टोल वसूली को लेकर विरोध के स्वर धीमे भले ही थे, लेकिन सवाल हर उस व्यक्ति के जहन में था जो एक बार टोल नाके से होकर गुजरता था। आखिर सालों से हो रही वसूल से राहत कब मिलेगी? इन्हीं शिकायतों का जवाब केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को एक न्यूज चैनल पर चर्चा के दौरान दिए। उन्होंने बताया कि टोल टैक्स महंगा क्यों होता है?
गडकरी ने कुछ इस तरह समझाया
गडकरी ने एक रोचक उदाहरण देकर समझाया कि लोन पर चीजें महंगी क्यों पड़ती हैं। दरअसल, गडकरी से पूछा गया था कि जब सड़क निर्माण की लागत सिर्फ 1,900 करोड़ रुपए थी तो 8,000 करोड़ रुपए टोल टैक्स के रूप में क्यों वसूले जा रहे हैं? उन्होंने कहा, टोल टैक्स एक दिन में नहीं वसूला (Toll Tax) जाता है। सरकार को टोल वसूली से पहले और बाद में भी कई तरह के खर्चे उठाने पड़ते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने उदाहरण देकर समझाया
गडकरी ने कहा, ‘अगर आप नकद में कार या मकान खरीदते हैं तो उसकी कीमत 2.5 लाख रुपए होगी। अगर आप उसे 10 साल के लिए लोन पर लेते हैं तो उसकी कीमत 5.5 से 6 लाख रुपए हो जाती है। सरकार को भी हर महीने ब्याज देना पड़ता है। कई बार काम लोन लेकर ही किया जाता (Toll Tax) है।’
दिल्ली-जयपुर हाईवे के सवाल पर क्या बोले?
दिल्ली-जयपुर हाईवे (NH-8) पर ज्यादा टोल वसूली (Toll Tax) के मुद्दे पर गडकरी ने कहा कि यह सड़क 2009 में यूपीए सरकार ने आवंटित की थी। इस प्रोजेक्ट में 9 बैंक शामिल थे। सड़क को बनाने में बहुत दिक्कतें आईं। शुरुआत में ठेकेदार भाग गए। बैंकों ने अदालत में मुकदमे दायर किए। फिर नए ठेकेदार आए। सरकार ने किसी कारण से नए ठेकेदारों को हटा दिया। इस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने स्टे ऑर्डर दे दिया। इसके बाद इस सड़क का नया डीपीआर बनाया गया। सड़क के दोनों ओर अतिक्रमण है। गड़करी के मुताबिक, यह सुनिश्चित करने की कोशिश करते रहे कि अगर 6 लेन वाली सड़क बनानी है तो अतिक्रमण हटाना होगा। इस बार बारिश की वजह से और दिक्कतों का सामना करना (Toll Tax) पड़ा।
आरटीआई के जवाब में सामने आया था यह तथ्य
हाल ही में, एक आरटीआई के जवाब में यह बात सामने आई थी कि राजस्थान में दिल्ली-जयपुर हाईवे पर मनोहरपुर टोल प्लाजा (Toll Tax) से लगभग 8,000 करोड़ रुपए वसूले गए, जबकि इस हाईवे के निर्माण की लागत लगभग 1,900 करोड़ रुपए थी।
गडकरी ने यह भी बताया
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने दावा किया कि भारत वर्ल्ड की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। वह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की इच्छा रखता है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में कैबिनेट ने 51,000 करोड़ रुपए की आठ सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दी है। मार्च 2025 तक विभाग का टारगेट 3 लाख करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट को पूरा करना (Toll Tax) है।
ये भी पढ़ें: राहुल गांधी पर बीजेपी नेताओं का विवादित बयान: जीतू पटवारी 2 घंटे तक थाने में डटे, FIR की मांग पर अड़े