Nipah Virus: केरल के कोझिकोड में बुखार से दो लोगों की मौत हो गई है. दोनों लोगों की अप्राकृतिक मौत का कारण निपाह वायरस बताया जा रहा है. जिसके बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि निपाह वायरस जानवरों से इंसानों में फैलता है।
यह एक ज़ूनोटिक वायरस है जो इंसान से इंसान में फैल सकता है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि इस बीमारी का नाम मलेशिया के एक गांव के नाम पर रखा गया था. इसका पहला केस यहीं मिला था.
क्या है निपाह वायरस?
निपाह वायरस एक ज़ूनोटिक बीमारी है जो जानवरों से इंसानों में फैलती है। यह विशेषकर चमगादड़ों से फैलता है।
इसके अलावा यह सूअर, बकरी, घोड़े, कुत्ते और बिल्लियों से भी फैल सकता है। सबसे खास बात यह है कि यह हवा से नहीं फैलता है बल्कि किसी वस्तु या ईंधन वाली बूंदों से फैल सकता है।
कैसे फैलता है निपाह वायरस?
निपाह वायरस दरअसल संक्रमित फल खाने से जानवरों से इंसानों में फैलता है। यदि किसी जानवर को यह रोग है और उसने कोई फल खाया है। फिर उस संक्रमित फल को खाने से यह बीमारी इंसानों में फैल जाती है।
यह इंसानों में तेजी से फैलने वाली बीमारी है। निपाह वायरस का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है।
निपाह वायरस के लक्षण
निपाह वायरस के संक्रमण के बाद शरीर में इस तरह की समस्या सामने आ सकती है। जैसे दिमाग में सूजन और एन्सेफलाइटिस जैसी खतरनाक बीमारियाँ भी हो सकती हैं। इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, खांसी, सांस लेने में कठिनाई शामिल हो सकते हैं। साथ ही गंभीर उल्टी भी हो सकती है।
इसके गंभीर लक्षणों में पेट दर्द, दौरे और कोमा शामिल हैं। ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ के अनुसार निपाह से मरने वालों की संख्या 40 से 75 प्रतिशत तक है।
निपाह वायरस से बचाव
‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ के मुताबिक, निपाह वायरस से बचाव के लिए फिलहाल कोई दवा या वैक्सीन बाजार में उपलब्ध नहीं है। अगर आप निपाह वायरस से राहत चाहते हैं तो इसके शुरुआती लक्षण दिखते ही बिना समय बर्बाद किए तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ के मुताबिक, अगर हमें निपाह वायरस को खत्म करना है या इसके बढ़ते मामलों पर काबू पाना है तो यही एकमात्र उपाय है। यानि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसके बारे में जागरूक करना.
इस बीमारी के बारे में जनता को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करना बहुत जरूरी है ताकि इस बीमारी के लक्षणों को मामूली बुखार या फ्लू समझकर नजरअंदाज न किया जाए। बल्कि समय पर अस्पताल और डॉक्टर से सलाह लें। साथ ही इस बीमारी से संक्रमित लोगों से दूरी बनाकर रखें।
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