लोहरदगा: उत्तराखंड के चमोली जिले (Chamoli Tragedy)में रविवार को नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूट जाने के कारण ऋषिगंगा घाटी में अचानक आई भीषण बाढ़ की घटना के बाद से लोहरदगा पंचायत के महुरांग टोली, डॉड़ी टोली, एवं चोरटांगी के नौ लोग लापता हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि बेठहठ गांव के लोगों ने उत्तराखंड में हिमखंड टूटने की खबर मिलने के बाद एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना में काम करने गए अपने परिजनों को फोन लगाया लेकिन फोन बंद मिलने के बाद उन्होंने प्रशासन से अपने लोगों की खोजबीन कर उन्हें परिवार को सौंपने की गुहार लगायी है।
यह रही पूरी खबर
जानकारी के अनुसार बेठहठ गाँव के ज्योतिष बाखला, मंजनू बाखला, उर्बनुष बाखला, सुनील बाखला, नेमहस बाखला, रवींद्र उराँव, दीपक कुजूर, विक्की भगत एवं प्रेम उराँव 23 जनवरी को जलविद्युत परियोजना में काम करने के लिए उत्तराखंड गए थे। गांव वालों ने बताया इन लोगों को विक्की भगत नामक व्यक्ति काम करने के लिए उत्तराखंड ले गया था। गांव वालों ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने और स्थानीय स्तर पर रोजगार न मिलने के कारण ये लोग दूसरे राज्यों में पलायन करने के लिए मजबूर थे। ग्रामीणों ने बताया कि लापता लोगों के परिवार वाले सदमे में हैं। पुलिस और जिला प्रशासन ने कहा है कि ग्रामीणों की सूचना के आधार पर उत्तराखंड (uttarakhand)प्रशासन से संपर्क साधने और उनके परिजनों को तलाशने की कोशिश की जा रही है।
उत्तराखंड हादसे में अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि करीब 200 लोग लापता हैं। हादसा शिवपुरी के चार परिवारों पर भी कहर बनकर टूटा है इसमें मड़ीखेड़ा डैम के पास गांव धमकन और नरवर के चार युवक लापता हो गए हैं। उनकी तलाश में उनके परिजन देहरादून रवाना हुए। घटना का पता चलते ही चारों परिवारों में चिंता का माहौल है। यह सभी युवक अभी कुछ समय पहले ही नौकरी के लिए पावर प्लांट गए थे। कंपनी की ओर से जिन लापता लोगों की सूची जारी की गई है उसमें उनके भी नाम शामिल हैं। इधर परिजन अपने साथ आधार कार्ड और पहचान के दस्तावेज लेकर गए हैं। देहरादून में कंपनी के लोग ही इन्हें आगे लेकर जाएंगे….