हाइलाइट्स
- NDTV सीनियर एंकर निधि कुलपति रिटायर
- 2003 में NDTV से जुड़ी थीं निधि कुलपति
- गंभीरता और सादगी निधि कुलपति की पहचान
Nidhi Kulpati retirement: एनडीटीवी इंडिया की सीनियर जर्नलिस्ट और न्यूज़ एंकर निधि कुलपति ने आज अपने 23 वर्षों लंबे सफल करियर के बाद चैनल से विदाई ले ली। 58 वर्षीय निधि कुलपति की यह विदाई न केवल एक एंकर के रूप में उनके कार्यकाल का अंत है, बल्कि भारतीय टेलीविज़न पत्रकारिता के एक शांत, सौम्य और गरिमामयी युग की भी विदाई है।
निधि कुलपति 2003 में एनडीटीवी से जुड़ी थीं और तब से चैनल की पहचान का एक अहम हिस्सा रहीं। अपनी संयमित आवाज़, स्पष्ट प्रस्तुति और दर्शकों के प्रति ईमानदार रवैये के चलते उन्होंने देशभर में एक भरोसेमंद चेहरा बनाया। टेलीविजन स्क्रीन पर उनकी उपस्थिति बिना किसी नाटकीयता के गूंजती रही, ‘एक ख़ामोशी की आवाज़’, जो लगभग तीन दशकों तक भारतीय पत्रकारिता की गरिमा का प्रतीक बनी रही।
एक प्रेरणास्रोत और आदर्श व्यक्तित्व
निधि कुलपति केवल एक एंकर नहीं, बल्कि पत्रकारिता की उस शैली की प्रतिनिधि रहीं, जिसमें तेज़ी नहीं बल्कि गंभीरता और सादगी थी। उन्होंने न केवल ख़बरें पढ़ीं, बल्कि पत्रकारिता को जिया। उनके सहयोगियों के अनुसार, निधि कुलपति के साथ न्यूज़ रूम में काम करना एक स्कूल में सीखने जैसा अनुभव था। जहां हर दिन संयम, शांति और मूल्य आधारित पत्रकारिता का पाठ पढ़ाया जाता था।
उनके साथ काम कर चुके कई पत्रकारों ने उन्हें “प्रेरणा का स्रोत”, “संस्थान” और “मार्गदर्शक” जैसे शब्दों में याद किया है। एक सहयोगी ने लिखा, ‘निधि जी की सौम्यता, शालीनता और सहजता पत्रकारिता के उस रूप की याद दिलाती है, जहां कैमरे के सामने होने का मतलब केवल दृश्य नहीं, एक मूल्य था।’
साड़ी में सादगी, परंपरा में विचार
अपने करियर में निधि कुलपति ने साड़ी पहनने को प्राथमिकता दी। आज जब न्यूज़ स्टूडियो अक्सर ग्लैमर और तेज़ शैली का मंच बन चुके हैं, निधि कुलपति की पारंपरिक वेशभूषा और भाषा की मर्यादा एक विचार की तरह प्रतीत होती थी।
एक युग का अवसान
निधि कुलपति की स्क्रीन से विदाई एक व्यक्तिगत निर्णय हो सकती है, लेकिन पत्रकारिता की दुनिया के लिए यह एक युग का अंत है। एक ऐसा युग, जिसमें एंकरिंग केवल प्रस्तुति नहीं, ज़िम्मेदारी थी। उनके जाने के बाद न्यूज़ रूम निश्चित रूप से थोड़े खाली लगेंगे और स्क्रीन थोड़ी अधिक शोरगुल से भरी। लेकिन उनकी पत्रकारिता एक आदर्श, एक स्मृति के रूप में जीवित रहेगी।
निधि कुलपति की विदाई पर एनडीटीवी सहित पूरे मीडिया जगत ने उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं। यह उम्मीद जताई जा रही है कि पत्रकारिता के इस शांत और गरिमामयी स्वरूप को वह किसी नई भूमिका में आगे भी जारी रखेंगी।
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