/bansal-news/media/post_attachments/PRD_BansalNews/NHM-Strike-Update.webp)
NHM Strike Update
हाइलाइट्स
- वेतन और बहाली की मांग
- स्वास्थ्य मंत्री को सौंपा ज्ञापन
- त्योहारी सीजन में कर्मचारियों की चिंता
NHM Strike Update: छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के 33 दिन लंबी हड़ताल को खत्म हुए लगभग एक सप्ताह गुजर चुका है, लेकिन कर्मचारियों की मांगें अब भी अधूरी पड़ी हैं। वादे तो हुए, लेकिन जमीनी अमल न होने से कर्मचारियों के भीतर निराशा और नाराजगी गहराती जा रही है।
शनिवार को एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा, जिसमें बर्खास्त 25 कर्मचारियों की बहाली, आंदोलन अवधि का वेतन भुगतान और अन्य लंबित मांगों को जल्द पूरा करने की मांग की गई।
33 दिन की हड़ताल के बाद भी कर्मचारी इंतजार में
[caption id="attachment_904150" align="alignnone" width="1127"]
स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात कर सौंपा ज्ञापन[/caption]
22 सितंबर को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और स्वास्थ्य मंत्री के भरोसे पर हड़ताल स्थगित कर दी गई थी। उस समय यह आश्वासन दिया गया था कि संविलियन और नियमितीकरण को छोड़कर अन्य सभी मांगों पर जल्द कार्रवाई होगी। लेकिन अब तक न तो किसी बर्खास्त कर्मचारी को बहाल किया गया है और न ही वेतन का भुगतान हुआ है। त्योहारी सीजन में बिना वेतन के लगभग 16,000 एनएचएम कर्मी मानसिक और आर्थिक तनाव में हैं, जिससे फिर से आंदोलन की आशंका भी जताई जा रही है।
मांगों को लेकर राज्यपाल और विधायकों से भी की मुलाकात
एनएचएम कर्मचारी संघ ने अपनी बात को केवल स्वास्थ्य मंत्री तक सीमित नहीं रखा। उन्होंने राज्यपाल रमेन डेका और नगर विधायक अमर अग्रवाल को भी ज्ञापन सौंपा। बिलासपुर और रतनपुर में अलग-अलग ज्ञापन सौंपने के दौरान डॉ. प्रशांत रात्रे और विनायक पांडे भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे।
ज्ञापन में विशेष रूप से यह कहा गया कि सरकार ने कर्मचारियों को जो वादे किए थे, उन्हें अमल में लाने में अनावश्यक देरी हो रही है, जिससे ग्राउंड लेवल पर स्वास्थ्य सेवाओं पर भी असर पड़ सकता है।
ज्ञापन सौंपने पहुंचे प्रमुख कर्मचारी नेता
स्वास्थ्य मंत्री से मिले प्रतिनिधिमंडल में एनएचएम कर्मचारी संघ के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष श्याममोहन दुबे, नीरज सोनी, सूर्य प्रकाश जायसवाल, हेमंत डिक्सेना, सनत जायसवाल, सीताराम पटेल, अरविंद अग्रवाल, ममता साहू और शारदा कश्यप शामिल थे। उन्होंने यह स्पष्ट कहा कि यदि मांगे समयबद्ध तरीके से पूरी नहीं होतीं, तो आंदोलन फिर से शुरू करने पर विचार किया जाएगा।
कर्मियों को वेतन न मिलने से दीपावली पर छाई चिंता
हड़ताल के दौरान जिन कर्मचारियों की सेवा समाप्त की गई थी, उनकी बहाली अब भी अधर में है। साथ ही, हड़ताल अवधि के वेतन को लेकर भी कोई ठोस निर्णय सामने नहीं आया है। त्योहारों से पहले वेतन न मिलने से हजारों परिवारों पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है। एनएचएम के कई कर्मचारी ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ हैं, और यदि इन्हें समय पर राहत नहीं मिली, तो इसका असर सीधे-सीधे राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ेगा।
ये भी पढ़ें: Kanker Naxal Encounter: कांकेर में 3 नक्सलियों को सुरक्षा बलों ने किया ढेर, मुठभेड़ अभी भी जारी
सरकार के वादों पर अब कर्मचारी खोते भरोसा
सरकार की ओर से पहले दिए गए आश्वासनों पर अमल न होने से अब कर्मचारी नेतृत्व भी सरकार की नीयत और कार्यप्रणाली को लेकर सशंकित हो रहा है। वे कह रहे हैं कि यदि स्थिति नहीं सुधरी तो वे जल्द ही नई रणनीति के तहत आंदोलन का रास्ता फिर अपना सकते हैं।
ये भी पढ़ें: Raipur Collectorate: रायपुर कलेक्ट्रेट में गिरी छत! सरकारी फाइलें मलबे में दबीं, छुट्टी का दिन होने से टला बड़ा हादसा
/bansal-news/media/agency_attachments/2025/10/15/2025-10-15t102639676z-logo-bansal-640x480-sunil-shukla-2025-10-15-15-56-39.png)
Follow Us
चैनल से जुड़ें