नयी दिल्ली, 19 जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने उत्तर प्रदेश के फूलपुर में इफको संयंत्र में अमोनिया गैस रिसाव की घटना के सिलसिले में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन कर उसे रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति एके गोयल और न्यायमूर्ति एसके सिंह की पीठ ने जिस समिति का गठन किया है उसमें पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, यूपीपीसीबी, आईआईटी कानपुर के प्रतिनिधि तथा प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट शामिल हैं।
अधिकरण ने पीड़ितों को ढाई-ढाई लाख रूपये का अंतरिम मुआवजा भुगतान करने का भी निर्देश दिया।
एनजीटी ने कहा कि समिति की बैठक प्रत्यक्ष तरीके से या फिर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए भी की जा सकती है तथा घटनास्थल का दौरा भी सदस्यों को करना होगा।
समिति से गैर रिसाव के कारणों, नुकसान का आकलन, पीड़ितों को मुआवजा भुगतान के लिए उठाए गए कदमों और पर्यावरण एवं संपत्ति की क्षतिपूर्ति का आकलन कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।
अधिकरण ने समिति से ई-मेल के जरिए दो महीने के भीतर रिपोर्ट भेजने को कहा है।
इफको ने एक बयान में कहा था कि उसके संयंत्र में 22 दिसंबर को रात करीब साढ़े दस बजे गैस का रिसाव हुआ था, हालांकि इस पर कम समय में काबू पा लिया गया। इस घटना में दो अधिकारियों की मौत हो गई थी तथा 16 अन्य कर्मचारी बीमार हो गए थे।
एनजीटी ने हिंदी के एक अखबार की 24 दिसंबर, 2020 की खबर पर संज्ञान लिया था।
इफको ने घटना की तकनीकी जांच के आदेश दिए थे जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की प्रशासनिक जांच के आदेश दिए थे।
भाषा
मानसी माधव
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