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हाइलाइट्स
- रायसेन के बरेली में कचरा गाड़ी में मिली नवजात बच्ची।
- हेल्पर और लोगों की सतर्कता से समय रहते बची जान।
- बच्ची हाइपोथर्मिया से पीड़ित, एक्सपर्ट कर रहे निगरानी।
MP Raisen Newborn Baby Girl found in Garbage Truck: रायसेन जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक कचरा गाड़ी से नवजात बच्ची के मिलने से हड़कंप मच गया। इसके बाद कर्मचारियों और लोगों ने सतर्कता दिखाते हुए बच्ची को तुरंत अस्पताल पहुंचाया। जहां वह हाइपोथर्मिया से ग्रसित पाई गई। डॉक्टरों के अनुसार, फिलहाल बच्ची की हालत स्थिर है। शिशु रोग विशेषज्ञ बच्ची की देखभाल कर रहे हैं। वहीं कचरे के बीच सिसकती नन्हीं जान की चीख ने समाज की संवेदनाओं को झकझोर दिया है।
अब पुलिस मामले की जांच में जुट गई है, और इलाके की गर्भवती महिलाओं की सूची खंगाली जा रही है। इधर, मामले में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पाटिल ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे मानवता के खिलाफ बताया।
कचरे में नवजात बच्ची के मिलने से हड़कंप
दरअसल, मानवता को शर्मसार करने वाला यह मामला रायसेन के बरेली से सामने आया है। शुक्रवार सुबह बरेली नगर पालिका की कचरा गाड़ी जब वार्ड 13-14 के इलाके से गुजर रही थी, तो हेल्पर रवि को गाड़ी के अंदर से किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। उसने तुरंत ड्राइवर इरशाद को इसकी सूचना दी।
गाड़ी रोककर जब कचरे के ढेर को हटाया गया, तो वहां एक नवजात बच्ची मिली, जिसके ऊपर कचरा पड़ा था। दोनों कचरे में मासूम को देकर हैरान रह गए। इसके बाद चालक ने पुलिस को फोन करके बच्ची मिलने की सूचना दी। चालक और कर्मचारी ने तुरंत मोहल्लेवालों को भी जानकारी दी।
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मदद के लिए पहुंचे NGO और स्थानीय लोग
कचरे की गाड़ी में नवजात बच्ची के मिलने खबर फैलते ही इलाके में हड़कंप मच गया।
इसके तुरंत बाद स्थानीय पार्षद बीएन धाकड़ और सामाजिक संस्था ‘पहल’ के सदस्य मौके पर पहुंचे। लोगों ने बच्ची को कपड़े से साफ कर अस्पताल पहुंचाया। बच्ची को बरेली सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बच्ची को हाइपोथर्मिया, डॉक्टरों की निगरानी में
सिविल अस्पताल के डॉ. हेमंत यादव ने बताया कि बच्ची का वजन 2.5 किलो है और वह होश में है। लेकिन वह हाइपोथर्मिया (Hypothermia) से पीड़ित है क्योंकि वह गीले कचरे में काफी देर तक पड़ी रही। शरीर पर कुछ मामूली खरोंचें भी हैं। डॉक्टरों के अनुसार, बच्ची की हालत स्थिर है। शिशु रोग विशेषज्ञ उसकी निगरानी कर रहे हैं।
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क्या होता है हाइपोथर्मिया?
हाइपोथर्मिया एक गंभीर चिकित्सीय स्थिति है, जिसमें शरीर का तापमान सामान्य से खतरनाक रूप से नीचे चला जाता है। यह तब होता है जब शरीर का तापमान 35°C (95°F) से नीचे गिर जाता है। इस स्थिति में शरीर गर्मी उत्पन्न करने की तुलना में कहीं तेज़ी से गर्मी खोने लगता है, जिससे अंतरिक अंगों के कामकाज पर असर पड़ सकता है। समय पर इलाज न मिले तो यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती है।
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जांच शुरू, CCTV फूटेज खंगाल रही पुलिस
बरेली थाना प्रभारी कपिल गुप्ता ने बताया कि पुलिस इस बात की गहन जांच कर रही है कि नवजात बच्ची को कचरा वाहन में किसने, कब और क्यों डाला? साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि बच्ची के माता-पिता कौन हैं और डिलीवरी कहां व किसके द्वारा कराई गई थी।
वार्ड 13 और 14 में सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। जांच के तहत कचरा गाड़ी के रूट और उस क्षेत्र में लगे CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है, ताकि किसी संदिग्ध की पहचान की जा सके। इसके अलावा, आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य विभाग की मदद से क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं की सूची भी तैयार की जा रही है, ताकि हाल ही में हुई प्रसव की घटनाओं का मिलान किया जा सके।
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राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पाटिल ने जताई चिंता
इस घटना पर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पाटिल ने गहरी चिंता जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा, "कृपया मानवता को शर्मसार न करें। एक नवजात को इस हाल में छोड़ना अमानवीय और अस्वीकार्य है।"
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