नई दिल्ली। अक्सर आपने Newborn Care Week 2021 देखा होगा नवजातों को शहद चटाने की सलाह दी जाती है। जी हां। Honey विशेषज्ञों की मानें तो शहद एक ऐसा तत्व है जो बच्चों की सेहत तो बनाता ही है साथ ही साथ यह एक एंटीबॉयोटिक भी होता है। जो बच्चों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। शिशु के पहले 28 दिन उसके अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। यह बच्चे के विकास की नींव रखते हैं।
इसलिए है शहद है जरूरी –
छोटे बच्चों में कई तरह की समस्याओं को शहद से दूर किया जा सकता है, क्योंकि शहद में प्राकृतिक मिठास के साथ ही कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। जिससे न सिर्फ छोटे बच्चों के शरीर को ऊर्जा मिलती है। बल्कि इम्युनिटी भी मजबूत होती है। यही कारण है कि अधिकांश घरों में सबसे पहले बच्चे को शहद चटाया जाता है।
विषेशज्ञों की मानें तो बच्चों को बचपन से ही शहद खिलाने से उनकी इम्युनिटी यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। (Immunity Booster) इसके अलावा इसमें पाया जाने वाला एंटी-ऑक्सीडेंट (Antioxidant) बच्चों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। फिर भी बच्चों को शहद खिलाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है। आइए जानते हैं क्या हैं वो बातें।
- कब खिलाना चाहिए शहद
आमतौर पर 1 वर्ष या इससे अधिक उम्र के बच्चों को शहद चटाना चाहिए। एक वर्ष की उम्र से इसकी शुुरुआत करनी चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से बच्चों को किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या नहीं होती। बच्चों को धीरे—धीरे चीजों का टेस्ट समझ में आने लगता है। जैसे खट्टा, मीठा, नमकीन आदि।
- इतनी मात्रा में खिलाएं शहद
विशेषज्ञों की मानें तो शुरुआत में आप बच्चे को दिन में 2 छोटी चम्मच शहद खिलाना सही होता है। अगर आप भी बच्चों को सही मात्रा में शहद खिलाते हैं तो वह बच्चे के विकास में मददगार साबित होता है।
इनके साथ खिला सकते हैं शहद
- जैम की जगह ब्रेड पर लगाकर
- ओटमील के साथ
- स्मूदी के साथ
- दही के साथ
शहद चटाने के फायदे (Benefits of honey for children’s health)
- शहद बच्चों को ऊर्जावान बनाता है। इससे वह तंदुरुस्त रहता है।
शहद में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो शरीर में सूजन की समस्या से निजाद दिलाता है। - शहद खिलाने से पेट और एसिडिटी की समस्या दूर होती है।
- शहद में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट इम्युनिटी को बढ़ाता है। जिससे लिवर सुरक्षित होता है।
- बच्चे को शहद चटाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है।
ध्यान रखें योग्य बातें —
- बच्चों को हमेशा शुद्ध शहद दें।
- अगर बच्चे को शहद से एलर्जी है तो न दें।
- शहद में चीटियां लग गयी हों तो दूसरे शहद का उपयोग करें।