विदिशा: शहर के जिला अस्पताल में 24 अगस्त को एक नवजात बच्चे का जन्म हुआ था। लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही के कारण अचानक उसके हाथ में जहर फैल गया और उसका हाथ काला पड़ गया। नवजात के बच्चे ने बताया कि बच्चा एकदम स्वस्थ्य हुआ था। लेकिन डॉक्टर ने उसे अस्वस्थ्य कर दिया।
दरअसल, विदिशा के जिला अस्पताल में एक स्वस्थ्य बच्चे का जन्म हुआ था। जन्म के बाद बच्चे को इंजेक्शन लगाया गया जिसके बाद उसे तेज बुखार आ गया। देखते ही देखते कुछ दिनों बाद बच्चे का एक हाथ काला पड़ने लगा। इस बारे में जब डॉक्टर्स से बात की तो पता चला की बच्चे को एक्सपायर्ड इंजेक्शन लगाया गया था। जिससे की उसका जहर बच्चे के हाथ में फैल गया।
ग्यारसपुर के लोहर्रा गांव के रहने वाले नवजात बच्चे के पिता मनोज सेन ने बताया कि उसकी पत्नी मिथलेश ने 24 अगस्त को एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया था। लेकिन डॉक्टर ने जन्म के बाद ही बच्चे को कोई इंजेक्शन लगाया था जिसके बाद उसे तेज बुखार आ गया और अस्पताल स्टाफ ने उसे एनआईसीयू ( NICU ) वार्ड में भर्ती कर दिया गया। पहले तो परिजानों को बच्चे को देखने नहीं दिया और फिर 5-7 दिन गुजर जाने के बाद जब परिजनों ने दोबारा दबाव बनाया तो डॉक्टर पर जब दबाव बनाया तो डॉक्टर्स ने बताया की बच्चे को भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल में रेफर कर दिया गया है।
डॉक्टर्स कह रहे हाथ काटने की बात
पिता मनोज को जब पता लगा की बच्चे को भोपाल रेफर किया गया है तो वह अपने परिजनों के साथ आनन-फानन में भोपाल पहुंचे जहां कमला नेहरू अस्पताल के डॉक्टर्स से बातचीत करने पर उन्हें बताया गया कि इंफेक्शन काफी फैल चुका है और बच्चे का हाथ काटना पड़ सकता है।
परिजनों ने विधायक शशांक भार्गव की कार्रवाई की मांग
बच्चे का हाथ काटे जाने की बात सुनने के बाद से परिजन परेशान हैं और उन्होंने विदिशा विधायक शशांक भार्गव से मदद की गुहार लगाते हुए लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की मांग की है। विधायक शशांक भार्गव ने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर बच्चे का इलाज करवाने की बात कही है साथ ही लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर्स पर भी कार्रवाई की मांग करते हुए एक लेटर कलेक्टर को लिखा है।