हाइलाइट्स
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नीतीश और IAS स्मिता के बीच विवाद में नया मोड़
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मुंबई की फैमिली कोर्ट में दायर की याचिका
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बेटियों को पैसे नहीं देने का लगाया आरोप
MP Nitish Bharadwaj: महाभारत के श्रीकृष्ण नीतीश और IAS स्मिता के बीच विवाद का एक नया मोड़ सामने आया है। IAS स्मिता भारद्वाज ने मुंबई के फैमिली कोर्ट में याचिका दायर की है।
इस याचिका में स्मिता ने नीतीश पर आरोप लगाया है कि नीतीश बेटियों को पैसे नहीं देने देते थे। साथ ही दावा किया कि नीतीश दोनों बेटीयों को प्रति माह 10 हजार रुपये नहीं दे रहे थे।
नितीश से संपत्ति वसूलने के लिए स्मिता संपत्ति को बेचने की मांग उठा रही है।
2019 से अलग रह रहे हैं कपल
नीतीश भारद्वाज और पत्नी IAS स्मिता साल 2019 से अलग रह रहे हैं। उनके तलाक की प्रक्रिया चल रही है।
पहली बार नीतीश भारद्वाज की पत्नि IAS स्मिता ने ‘श्रीकृष्ण’ के लगाए इल्जामों पर चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने जो कहा वो हैरान कर देने वाला है और इसी के साथ उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर भी की है।
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विक्टिम कार्ड खेल रहे हैं नीतीश- स्मिता
पत्नी IAS स्मिता ने पलटवार करते हुए कहा कि अब नीतीश विक्टिम कार्ड खेल रहे हैं। साथ ही उन्होंने एक्टर के दावों को झूठा और बेतुका बताया है।
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शादी बचाने के लिए शर्त रखी- स्मिता
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, IAS स्मिता ने कहा कि उनके पति ने उन पर नौकरी छोड़ने का दबाव डाला और जब मैने मना किया, तो उन्होंने तलाक का विकल्प चुना।
स्मिता ने यह दावा किया कि उनके पति चाहते थे कि वह अपनी नौकरी छोड़ दें और जब उन्होंने इसका विरोध किया तो उन्होंने तलाक की कार्यवाही शुरू की।
नौकरी छोड़ने की कही बात
स्मिता ने आगे कहा कि नीतीश चाहते थे कि मैं अपनी नौकरी छोड़ दूं, लेकिन मैने उनकी बात नहीं मानी तो उन्होंने कहा कि तुम मुझे तलाक दे दो। उनकी इस बात पर तलाक के लिए तैयार हो गई, तो उन्होंने सहमति से तलाक के लिए पैसे मांगे।
जब मैने पैसे देने से मना कर दिया तो फिर उन्होंने खुद को पीड़ित बनाकर दुनिया के सामने पेश किया और विक्टिम कार्ड खेलना शुरू कर दिया।
बच्चों की कभी नहीं भरी फीस
स्मिता ने दावा करते हुऐ कहा, कि जिन बच्चों की आज नीतीश जी बात कर रहे हैं, उन्होंने बच्चों के जन्म के बाद से पिता का कोई फर्ज ही नहीं निभाया।
बच्चों के पालन-पोषण के खर्च में उनका कोई योगदान नहीं रहा। कानूनी बाध्यता के बावजूद न तो उन्होंने कभी बच्चों की स्कूल की फीस भरी और न ही उन्हें समर्थन देने के लिए कोई पैसा दिया।