बेंगलुरु। अहमदाबाद स्थित भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल) के अध्ययन समूह ने सौरमंडल के बाहर एक तारे की परिक्रमा करने वाले बृहस्पति से भी बड़े एक ग्रह की खोज की है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने यह जानकारी दी। इसरो ने एक बयान में कहा कि माउंट आबू वेधशाला में पीआरएल की 1.2 मीटर दूरबीन पर लगे पीआरएल एडवांस्ड रेडियल-वेलोसिटी आबू-स्काई सर्च (पारस) ऑप्टिलक फाइबर-फेड स्पेक्टोग्राफ का उपयोग करते हुए यह खोज की गई।
इस नाम से जाना जाएगा
अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि सौरमंडल के बाहर 725 प्रकाश वर्ष दूर स्थित ग्रह का द्रव्यमान बृहस्पति ग्रह का 1.4 गुना है। यह माप दिसंबर 2020 और मार्च 2021 के बीच की गई। बाद में अप्रैल 2021 में जर्मनी से टीसीईएस स्पेक्ट्रोग्राफ के जरिये भी इसकी माप की गई। उक्त तारे को एचडी 82139 नाम से जाना जाता है इसलिए ग्रह को टीओआई 1789बी या एचडी82139बी नाम से जाना जाएगा। खोज टीम का नेतृत्व प्रोफेसर अभिजीत चक्रवर्ती ने किया। यह नई खोजी गई तारा-ग्रह प्रणाली बहुत ही अनोखी है – ग्रह केवल 3.2 दिनों में मेजबान तारे की परिक्रमा करता है।
तारे का चक्कर वाला पहला ग्रह
इस प्रकार इसे 0.05 एयू (सूर्य और बुध के बीच की दूरी का लगभग दसवां हिस्सा) की दूरी पर तारे के बहुत करीब रखता है। अपने मेजबान तारे के साथ ग्रह की निकटता के कारण, यह 2000 के. तक की सतह के तापमान के साथ अत्यधिक गर्म होता है, और इसलिए एक फूली हुई त्रिज्या, इसे अभी तक ज्ञात सबसे कम घनत्व (घनत्व 0.31 ग्राम प्रति सीसी) वाले ग्रहों में से एक बनाती है। सौरमंडल से बाहर, एक तारे का चक्कर वाले ऐसे पहले ग्रह ‘के.2-236बी’ की खोज 600 प्रकाश वर्ष दूर 2018 में की गयी थी।